Abhinav Chaturvedi Unknown Facts: आज हम आपको एक ऐसे अभिनेता के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे दूरदर्शन का पहला सुपरस्टार माना जाता था। सुपरस्टार अभिनव चतुवेर्दी, जिन्होंने टीवी से फिल्मों की ओर अपना कदम बढ़ाया लेकिन उनकी फिल्म लगातार फ्लॉप होते रही और फिर साल 1992 के बाद सिर्फ एक वजह से उन्होंने एक्टिंग से दूरी बना ली। दरहसल, अभिनव चतुर्वेदी एक जमाने में अपनी पहचान देशभर में बना ली थी। उन्होंने अपनी शानदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया था। उनका जन्म 25 दिसंबर, 1964 को दिल्ली में हुआ था। आपको बता दें, उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत टीवी सीरीज 'हम लोग' से किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अभिनव का झुकाव पहले क्रिकेट की ओर था। उन्होंने रणजी ट्रॉफी के लिए भी खेला था, लेकिन उन्होंने बाद में क्रिकेट छोड़ दिया। दरअसल, उस समय कुमार वासुदेव दूरदर्शन के लिए एक सीरियल बना रहे थे, जिसका नाम था 'हम लोग'। इस सीरीज के लिए उन्होंने वैसे लोगों को कास्ट किया, जिनकी जिंदगी इस सीरीज के किरदार से मैच खाती हो। एक बार अभिनव ने बताया था कि इस सीरियल में काम करते वक्त डायेरक्टर ने उन्हें कुछ बताया ही नहीं, बल्कि उन्हें नन्हें का किरदार अपनी तरह से जीना था।
इस सीरियल ने उन्हें रातोंरात मशहूर बना दिया और देखते ही देखते वह दूरदर्शन के पहले सुपरस्टार बन गए। फिर क्या, इस शो के बाद वह और भी कई टीवी शो का हिस्सा रहें। टीवी में उनका करियर तो अच्छा रहा, लेकिन उन्होंने फिर फिल्मों की ओर कदम बढ़ाना शुरू किया, जो उनके लिए घातक साबिक हुई। उन्होंने 'पर्वत के उस पार', 'भ्रष्टाचार', 'सौदागर', 'बाज' और 'बुनियाद' जैसे हिट फिल्मों में काम किया, लेकिन बड़े पर्दे पर वह चल नहीं पाए।
उन्हें आखिरी बार साल 1992 में, सलमान खान की फिल्म 'सूर्यवंशी' में देखा गया था लेकिन ये भी फिल्म फ्लॉफ हो गई थी। धीरे-धीरे वह बड़े पर्दे के साथ-साथ छोटे पर्दे से भी दूर होते चले गए और उसी समय उन्होंने एक्टिंग छोड़ने का फैसला किया था, जो उनके लिए एक बड़ा फैसला था। इन सब के कारण काम के बदले उन्हें पैसे भी काफी कम मिला करते थे और मुंबई में उनके पास रहने के लिए अपना घर भी नहीं था। इसी बीच उनके पिता की तबीयत खराब हो गई और वह चाहकर भी अपने पिता को मुंबई में नहीं रख पाते, इसलिए उन्हें मुंबई छोड़ना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दिल्ली आते ही उन्होंने कॉर्पोरेट इवेंट्स में भी किस्मत आजमाया, जहां आखिरकार उन्हें सफलता मिली और फिर वह इसी काम में जुट गए।