फिल्म निर्माता कृष्णकुमार वीरसिंह मीणा उर्फ के. कुमार (48) ( Krishnakumar Veersingh Meena) ने मामला दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि 14 अगस्त की शाम निकिता घाग 10 से अधिक लोगों के साथ उनके स्टूडियो, चित्रलेखा हेरिटेज पहुंची। उस वक्त कुमार अपने केबिन में कुछ कलाकारों और दोस्तों के साथ बैठे थे। तभी अचानक 10 से 15 लोग अंदर घुसे, गाली-गलौज की और सभी को बाहर निकाल दिया।
शिकायतकर्ता प्रोड्यूसर के मुताबिक, इनमें से एक युवक ने खुद को ‘दादा’ बताते हुए अपना नाम विवेक जगताप बताया। इसके बाद निकिता और उसके साथियों ने प्रोड्यूसर पर झूठे आरोप लगाते हुए बदनाम करने की धमकी दी और 25 लाख रुपए की मांग की। विरोध करने पर कथित तौर पर मारपीट की गई। इस दौरान एक आरोपी ने चाकू निकाला, जबकि जगताप ने कमर में रखी पिस्तौल दिखाकर डराया।
धमकियों और भय के माहौल में प्रोड्यूसर को अपने मोबाइल फोन और ओटीपी वेरिफिकेशन के जरिए 10 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करने पड़े। इतना ही नहीं, आरोपियों ने उनके कर्मचारी से जबरन एक ईमेल भी लिखवाया, जिसमें इस रकम को निकिता घाग की एक्टिंग फीस का एडवांस बताया गया।
प्रोड्यूसर ने कहा कि उन्हें करीब तीन घंटे तक स्टूडियो में बंधक बनाए रखा गया और जाते समय स्टाफ को भी धमकाया गया कि अगर पुलिस में शिकायत की गई तो गंभीर अंजाम भुगतने होंगे।
फिल्म निर्माता की शिकायत पर अंबोली पुलिस स्टेशन ने अभिनेत्री निकिता घाग, विवेक जगताप उर्फ दादा और उनके अन्य 10–15 सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) की धारा 37(1)(ए), 115(2), 189(2), 190, 191(2)(3), 308(2)(6), 333, 351, आर्म्स एक्ट की धारा 25(3) और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज हुई है।
फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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