<div class="paragraphs"><p>मणिपुरी फिल्म 'Ishanou' बनी वर्ल्ड क्लासिक, Cannes Film Festival में होगा प्रीमियर</p></div>

मणिपुरी फिल्म 'Ishanou' बनी वर्ल्ड क्लासिक, Cannes Film Festival में होगा प्रीमियर

 
मनोरंजन

मणिपुरी फिल्म 'Ishanou' बनी वर्ल्ड क्लासिक, Cannes Film Festival में होगा प्रीमियर

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूज़ग्राम हिंदी: प्रसिद्ध फिल्मकार अरिबम श्याम शर्मा(Aribum Shyam Sharma) द्वारा निर्देशित 1990 की मणिपुरी फिल्म 'ईशानौ(Ishanou)' के रीस्टोर वर्जन का प्रीमियर 16 से 27 मई तक होने वाले कान्स फिल्म फेस्टिवल(Cannes Film Festival) में होगा। मणिपुर स्टेट फिल्म डेवलपमेंट सोसाइटी (एमएसएफडीएस) के अधिकारियों ने कहा कि फिल्म में अनौबम किरणमाला और कंगजम तोम्बा हैं। यह मणिपुर की मैबी संस्कृति से संबंधित है, इसे वल्र्ड क्लासिक के रूप में मान्यता दी गई है और इसे कान क्लासिक सेक्शन में दिखाया जाएगा।

1990 में निर्मित 91 मिनट की फिल्म पहले 1991 में कान के अन सर्टेन रिगार्ड सेक्शन में एक आधिकारिक प्रविष्टि थी।

एमएसएफडीएस ने फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन, मुंबई और निर्देशक अरिबम स्याम शर्मा के सहयोग से 'ईशानौ' की महत्वाकांक्षी बहाली परियोजना शुरू की।

'ईशानौ' केवल दूसरी सेल्युलाइड मणिपुरी फीचर फिल्म है, जिसे एसएन चंद सिने आर्काइव और एमएसएफडीएस के संग्रहालय ने डिजिटाइज किया है, और पहली फिल्म को बहाल किया गया है।

फिल्म फोरम, मणिपुर के अध्यक्ष लाइमयुम सुरजाकांत शर्मा ने कहा कि श्याम शर्मा मणिपुरी सिनेमा के अग्रणी व्यक्ति हैं, जो राज्य और इसके लोगों की सांस्कृतिक और भावनात्मक बारीकियों को मानवीय दृष्टि से चित्रित करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।



मणिपुर में विभिन्न फिल्म-संबंधित संगठनों ने पिछले साल सूचना और प्रसारण मंत्रालय से श्याम शर्मा को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार प्रदान करने का आग्रह किया था।

पिछले साल नवंबर में गोवा में आयोजित इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) के 53वें संस्करण में मणिपुरी फिल्मों को मणिपुरी सिनेमा के विशेष खंड 'मणिपुरी सिनेमा की स्वर्ण जयंती' के तहत दिखाया गया था।

--आईएएनएस/VS

बिहार के नदियों में पानी की जगह दिख रहे हैं रेत, जिससे खेती और पशुपालन में आ रही है बाधा

भारत का सबसे महंगा आम, पूरे देश में केवल 3 ही पेड़ हैं मौजूद

भारत की पहली महिला पहलवान, जिन्होंने पुरुषों से भी किया मुकाबला

गोविंदा की बहन कामिनी खन्ना ने पति के मौत के बाद अकेले ही संभाला सब

एक वोट देने में कितना रुपया होता है खर्च? कुल चुनावी खर्च जान कर हो जाएंगे हैरान