मनोरंजन

फिल्म महोत्सव की मेजबानी करेगा भारतीय सिनेमा का राष्ट्रीय संग्रहालय

NewsGram Desk

भारतीय सिनेमा का राष्ट्रीय संग्रहालय (National Museum of Indian Cinema) 'आजादी का अमृत महोत्सव' (Azadi Ka Amrit Mahotsaw) के रूप में महान फिल्म निर्माता सत्यजीत रे (Satyajit Ray) की गैलरी और तीन दिवसीय फिल्म महोत्सव (Film Festival) को प्रदर्शित करने के लिए तैयार है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information & Broadcasting) ने महान फिल्म निर्माता को श्रद्धांजलि देने के लिए विभिन्न गतिविधियों की शुरुआत की है।

राष्ट्रीय संग्रहालय करेगा सत्यजीत रे फिल्म महोत्सव की मेजबानी [IANS]
राष्ट्रीय संग्रहालय करेगा सत्यजीत रे फिल्म महोत्सव की मेजबानी [IANS]

सत्यजीत रे द्वारा बनाई गई फिल्मों की स्क्रीनिंग दो मई से चार मई के बीच नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और पुणे में होगी। सत्यजीत रे फिल्म महोत्सव दो मई को राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल द्वारा रेड कार्पेट और रे की अर्ध-स्थायी गैलरी के उद्घाटन के साथ शुरू होगा।

महोत्सव में उद्घाटन फिल्म 'अपराजितो' है, जिसे फिरदौसुल हसन द्वारा निर्मित और अनिक दत्ता द्वारा निर्देशित किया गया है। यह फिल्म सत्यजीत रे की 'पाथेर पांचाली' के निर्माण से प्रेरित है।

इसके अलावा, फेस्टिवल का समापन फिल्म 'पाथेर पांचाली' के साथ होगा, जो सत्यजीत रे के निर्देशन में पहली फिल्म है, वह चार मई को पैनल में आयोजित की जाएगी। पैनल एनएफडीसी के आधिकारिक फेसबुक पर सभी दर्शकों के लिए लाइव होगी।

पैनलिस्ट श्याम बेनेगल, अनुभवी अभिनेता बरुण चंदा और संगीत निर्देशक शांतनु मोइत्रा होंगे, इसे शंखयान घोष द्वारा संचालित किया जाएगा।

एनएफडीसी इंडिया के प्रबंध निदेशक रविंदर भाकर ने व्यक्त किया, "आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर जन्म शताब्दी का जश्न मनाना और भारतीय सिनेमा के राष्ट्रीय संग्रहालय में एक विशेष गैलरी को श्रद्धांजलि के रूप में शुरू करना हमारे लिए बहुत सम्मान की बात है।"

उन्होंने आगे बताया कि, "लोगों ने रे की फिल्मों को किसी न किसी रूप में देखा है, फिर भी इस बार हम चुनिंदा सिनेमाघरों में बड़े स्क्रीन पर अपने चुने हुए पैकेज के लिए रे प्रेमियों को मुफ्त में आमंत्रित कर रहे हैं।"

आईएएनएस (PS)

यदि चुनाव के दौरान ही किसी प्रत्याशी की हो जाए मौत, तब क्या होगा इसके बाद?

भारत के एक गांव को कहा जाता है धरती का चांद, यहां की खूबसूरती है स्वर्ग के समान

आजाद भारत का पहला अरबपति अपने कंजूस हरकतों के लिए था बदनाम

चंदा लेकर बनाई गई थी फिल्म “मंथन”, अब कान्स फिल्म फेस्टिवल में इसे किया जाएगा प्रदर्शित

किसी व्यक्ति या वस्तु को छूने पर लगता है करंट? यहां पढ़े इसका कारण