Panchayat web series : पंचायत वेब सीरीज का तीसरा सीजन आ गया है और सीजन में एक सोहर गीत लोगो द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है जबकि इस गीत का एक वर्जन पहले भी यूपी बिहार में खूब चला था। इस पर खूब सारे रील बनाए गए, लेकिन इस बार भोजपुरी न बोलने समझने वाले भी रस लेकर सुन रहे हैं। इस गीत के बोल हैं – ‘ अइसन मनोहर मंगल मूरत, सुहावनि सुंदर सूरति हो, हे राजाजी, हे राजा जी…. एकरे त रहल ह जरूरत, मुहूरत खूबसूरत हो, हमरा जनाता बबुआ जीयम होइहे, नानाना, इस ललना डीएम होइंहे हो, ए ललना हिंद के सितारा इ त सीएम होइहें ओसे ऊपरा पीएम होइहें हो….” गीत संगीत का आनंद लेने के लिए उसका मतलब खोज ने की भी जरूरत नहीं होती है।
यह गीत भोजपुरी में गाए जाने वाले सोहर की धुन पर है। सोहर बच्चों के जन्म के अवसर पर गाई जाती है। इसमें ममता स्वाभावित तौर पर होती है। बच्चे की रिश्तेदार और आस पड़ोस की महिलाएं बच्चे के स्वागत में अपने गीत के जरिए उसके मंगलमय भविष्य की कामना करती है। सभी बच्चे के मां-बाप, दादा – दादी को बधाइयां देती हैं। इन गीतों में संगीत प्रेम और ममता का झलक देखने को मिलता है और ढोलक के साथ लय में बजाई जा रहीं तालियों की खनक दिलों में उतर जाती है।
सोहर की परंपरा तकरीबन सारे हिंदी भाषी राज्यों में किसी न किसी तरह से है। मंगल गीतों की बात रामचरित मानस में भी खूब आई है। वहां भी भगवान राम का जन्म होने पर सोहर गाए जाते हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने तो अपनी अन्य रचनाओं में यहां तक लिख दिया है कि वो खुद भी सोहर गाने वाली महिलाओं में शामिल थे।
पुरानी पीढ़ी की महिलाएं बताती हैं कि पहले बच्चे का जन्म होने पर उसके जीएम, सीएम या पीएम होने की बात नहीं की जाती थी। बल्कि कल्पना की जाती थी कि बालक राम की तरह मर्यादा पर चलने वाला होगा। ज्ञानी होगा। देश और समाज का नाम रोशन करेगा। लेकिन जब समय बदला तो नए पदों तक उनके पहुंचने की कामना की जाने लगी। बनारस के मशहूर गायक पंडित छुन्नू लााल और प्रवचन करने वाले व्यास राजन महाराज ने भी सोहर को अपने तरीके से लोकप्रिय बनाया है।