सार:
कैसे परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) ने पीआर (PR) से शुरुआत की और सिर्फ तीन महीनों में एक्टिंग तक पहुँची।
अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) के साथ उनका रिश्ता और पहली फिल्म लेडीज़ वर्सेस रिकी बहल का अनुभव।
कैसे उनकी कहानी हर उस इंसान को प्रेरित करती है जो अपने सपनों को हकीकत बनाना चाहता है।
पीआर से एक्टिंग तक का तीन महीनों का जादुई सफर
परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) ने अपने करियर की शुरुआत यश राज फिल्म्स (Yash Raj Filma: YRF) के मार्केटिंग (Marketing) और पीआर (PR) डिपार्टमेंट से की थी। उस समय उनका काम था फिल्मों के प्रमोशन के लिए सितारों के इंटरव्यू और मीडिया इवेंट संभालना। वे अनुष्का शर्मा की फिल्म बैंड बाजा बारात (Band Baja Barat) के प्रमोशन पर काम कर रही थीं।
एक दिन उन्होंने इंस्टाग्राम (Instagram) पर अपने फैंस से बातचीत करते हुए बताया कि कैसे उनकी जिंदगी अचानक बदल गई। उन्होंने लिखा:
“मैंने अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) के इंटरव्यू संभालने से लेकर उनके साथ लेडीज़ वर्सेस रिकी बहल (Ladies Vs Ricky Behel) में काम करने तक का सफर सिर्फ तीन महीनों में तय किया। कितना कूल है ना? मैं तब से ही उनकी बहुत बड़ी फैन रही हूं।”
यश राज फिल्म्स: जहां से शुरू हुआ सपनों का मंच
परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) का सफर वहीं से शुरू हुआ जहाँ उन्होंने कभी दूसरों के लिए काम किया था, यानी यश राज फिल्म्स से।
वहीं काम करते हुए उनकी मुलाकात आदित्य चोपड़ा (Aditya Chopra) से हुई, जिन्होंने उनमें एक नई चमक देखी और उन्हें एक्टिंग का मौका दिया। उनकी पहली फिल्म लेडीज़ वर्सेस रिकी बहल (2011) में वह रणवीर सिंह (Ranveer Singh) और अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) के साथ नज़र आईं।
यह फिल्म उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। इसके बाद उन्होंने इशकज़ादे (Ishqzaade), शुद्ध देसी रोमांस (Shudh Desi Romance) और हसी तो फसी (Hasee Toh Faseeh) जैसी फिल्मों से दर्शकों का दिल जीत लिया। परिणीति की यह यात्रा साबित करती है कि कभी-कभी किस्मत आपको वहीं से मौका देती है जहाँ से आपने शुरुआत की थी।
कैरियर बदलने की प्रेरणा: जब जुनून दिशा बन जाता है
हर इंसान के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब वह सोचता है, क्या मैं सही रास्ते पर हूँ?
परिणीति की कहानी उन सभी के लिए जवाब है। उन्होंने दिखाया कि अगर आप दिल से मेहनत करें और अपने हुनर पर भरोसा रखें, तो करियर बदलना असंभव नहीं।
कई लोग सालों तक एक ही काम में फंसे रहते हैं क्योंकि वे बदलाव से डरते हैं। लेकिन परिणीति ने साबित किया कि जब जुनून सच्चा हो, तो डर भी छोटा पड़ जाता है। उनका यह कदम हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपनी जिंदगी में नई शुरुआत करना चाहता है।
निष्कर्ष
परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) का सफर हमें सिखाता है कि किसी की भी जिंदगी में बदलाव लाने की ताकत खुद उसके अंदर होती है। उन्होंने अपने हौसले और आत्मविश्वास से साबित किया कि हर बड़ी सफलता के पीछे एक छोटी, लेकिन सच्ची शुरुआत होती है।
उनकी कहानी यह भी बताती है कि कोई भी सपना छोटा नहीं होता, बस उसे सच करने की हिम्मत चाहिए। जैसा कि कहा जा सकता है:
“हर इंटरव्यू जो आप संभालते हैं, वही एक दिन आपकी खुद की कहानी बन सकता है।”
(Rh/BA)