Rani Padmini : रानी पद्मिनी का जन्म साल 1962 में चेन्नई के अन्ना नगर में हुआ था, उनकी जन्म की तारीख फिल्म इतिहास में कहीं नहीं मिली। रानी पद्मिनी, मां इंद्रकुमारी और पिता चौदरी की इकलौती बेटी थीं। वह पढ़े-लिखे परिवार से ताल्लुक रखने वालीं थी। उनकी मां इंद्रकुमारी एक समय में खुद सिनेमा से जुड़ना चाहती थीं, लेकिन समाज का सोच कर ऐसा नहीं कर सकी लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को हीरोइन बनाया।
रानी पद्मिनी ने मलयाली, तमिल फिल्मों के साथ-साथ तेलुगु और कन्नड़ सिनेमा में भी जबरदस्त शोहरत हासिल किया। 1983 में उनकी 9 फिल्में रिलीज हुईं और ज्यादातर हिट ही रहीं। वहीं 1984 में उनकी फिल्मों की संख्या बढ़कर 12 हो गई। रानी पद्मिनी की फिल्मों की संख्या के साथ उनकी फीस भी बढ़ने लगी। अंदाजन उन्हें लाखों में फीस दी जाती थी। जब साउथ सिनेमा में उन्हें पहचान और शोहरत मिला तो उन्होंने उस किराए के बंगले को खरीदने का इरादा कर लिया, लेकिन फिर ऐसा घटना घटी की उसी घर में उनकी और मां की लाश मिली।
महज 19 साल की उम्र में रानी पद्मिनी को मलयाली स्टार समझे जाने वाले मोहनलाल के साथ फिल्म थेनम व्यंबम में लीड रोल निभाने का मौका मिला। इसी साल रिलीज हुई फिल्म संघर्षम से रानी पद्मिनी ने स्टारडम हासिल किया। इसके बाद तो उन्हें सालाना 10-12 फिल्मों में काम दिया जाने लगा था। सफ़लता के बाद लग्जरी जिंदगी की ख्वाहिश में 80 के दशक में रानी पद्मिनी ने 7 लाख रुपए की निसान कार खरीदी थी।
मां ने भी घर में नौकर रखने के लिए अखबार में इश्तिहार दे दिया, जो उनकी जिंदगी का सबसे गलत फैसला साबित हुआ और उसी फैसले ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया।
पैसों और गाड़ी के लालच में उनके ड्राइवर और नौकर ने एक दिन मौका पा कर पहले रानी पद्मिनी की मां की हत्या की। जब रानी पद्मिनी किचन में चीखें सुन कर भागते हुए कमरे में गईं तो देखा, मां खून से लथपथ हैं और घर के तीनों नौकर उन पर लगातार चाकुओं से वार कर रहे हैं। रानी पद्मिनी को देखते ही तीनों ने उन्हें पकड़ लिया और उन पर 12 वार कर उनकी भी हत्या कर दी गई। हत्या के बाद तीनों 5 लाख रुपए नकद और घर का हर कीमती सामान लेकर भाग निकले। ये दर्दनाक मौत पूरा इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया।