उनके पिता ने भी विवेक को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कभी पैसों से मदद नहीं की। अब अपने पिता के जन्मदिन पर विवेक ने उन्हें विश किया है और ये बताया कि उन्हें पिता की किस बात से सबसे ज्यादा डर लगता था।
विवेक ओबेरॉय (Vivek Oberoi) ने सुरेश ओबेरॉय (Suresh Oberoi) की फिल्मों की कुछ क्लिप शेयर की हैं, जिसमें वे दमदार विलेन के रोल में दिख रहे हैं। उन्होंने पोस्ट में अपने पिता का जिक्र किया है और बताया कि एक बात की वजह से नींद हमेशा उड़ी रही और वो थी जूतों को भरना। जूता भरने से मतलब, अपने पिता की तरह जिम्मेदारी को निभाने से है।
उन्होंने कैप्शन में लिखा, "फिल्म इंडस्ट्री (Film Industry) ने मुझे कभी डराया नहीं, लेकिन जिस बात ने मेरी नींद उड़ा दी थी, वो थे वो जूते जिन्हें मुझे भरना था। सुरेश ओबेरॉय वो स्टाइलिश, चार्मिंग एक्टर जिनके डायलॉग गूंजते थे और जिनके रोल में इतनी जबरदस्त पावर थी, मैं बहुत ज्यादा नर्वस था!"
अपने पिता को लेकर उन्होंने आगे लिखा, "आपके जन्मदिन पर, मैं आपसे कहना चाहता हूं कि भले ही मैं सबको कहता हूं कि मैं अपनी मां का लाडला हूं, मुझे उम्मीद है कि आप जानते हैं कि मैं अपने पापा की परछाई हूं। मैंने जो कुछ भी सीखा, आपसे सीखा। मैं जो कुछ भी हूं, आपकी वजह से हूं।" किसी भी बेटे के लिए अपने पिता के जूतों में फिट होना या यूं कहें कि जिम्मेदारी उठाना गर्व की बात होती है।
आज विवेक भले ही फिल्म पर्दे से दूर हैं, लेकिन बिजनेस के मामले में आगे हैं। उन्होंने कम उम्र से बिजनेस शुरू किया और उसमें सफल भी रहे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अपने पिता की बदौलत ही वे ₹1200 करोड़ का बिजनेस संभाल रहे हैं। उन्होंने इसी साल ₹1200 करोड़ के मालिक होने के सवाल पर जवाब दिया था कि क्या फर्क पड़ता है, भगवान ने इतना दिया है, आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रहेंगी।
बता दें कि अभिनेता रोडसाइड सेफ्टी सर्विस, डायमंड ज्वेलरी, फिनटेक, एडटेक और इन्फ्रास्ट्रक्चर कंसल्टिंग जैसे बिजनेस में शामिल हैं।
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