दूरदर्शन :यह वह दौर था जब दूरदर्शन के प्रोग्राम देखने के लिए घर ही नहीं आसपास के लोग भी जमा हो जाते थे[Wikimedia Commons] 
मनोरंजन

क्या आपका भी बच्चपन दूरदर्शन देखकर बीता है? तो फिर क्या है आपकी पसंदीदा शो?

यह वह दौर था जब दूरदर्शन के प्रोग्राम देखने के लिए घर ही नहीं आसपास के लोग भी जमा हो जाते थे, एंटीना घुमा कर सिग्नल लाया जाता था।

न्यूज़ग्राम डेस्क, Sarita Prasad

दूरदर्शन :- जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं बचपन की यादें धुंधली होती जाती है। उसे पर काम की व्यस्तता के साथ लोग अपने ही दायरे में सिमटते जाते हैं करीबियों के साथ गुजरने वाले फुर्सत के पलों की जगह मोबाइल और सोशल मीडिया जैसी चीजों ने ले ली है लेकिन क्या आपको अपने बचपन का वह समय याद है जब फुर्सत के पल अपनों के साथ और हसीन और खुशनुमा हुआ करते थे? जो की रविवार की छुट्टियों को बच्चों और बढ़ो दोनों के लिए और भी खास बनाते थे। क्योंकि दूरदर्शन पर संडे स्पेशल प्रोग्राम जो आता था। यह वह दौर था जब दूरदर्शन के प्रोग्राम देखने के लिए घर ही नहीं आसपास के लोग भी जमा हो जाते थे, एंटीना घुमा कर सिग्नल लाया जाता था। तो चलिए फिर एक बार उन पलों और उन दूरदर्शन के शोस की यादों को फिर से ताजा करते हैं। 

दूरदर्शन की संडे स्पेशल शोस

जिनका बचपन 80 और 90 के दशक में बीता है उनके लिए वह पल आज भी अनमोल होगा वक्त की तिजोरी में हमेशा के लिए बंद हो जाने वाले पन्नों की यादें और भी सुहानी लगते होंगे। सोशल मीडिया पर इन दिनों कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है 1989 में प्रसारित होने वाले दूरदर्शन के संडे स्पेशल प्रोग्राम से जुड़े एक वीडियो अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से वायरल हो रहे हैं इस वीडियो को देखने के बाद लोग पुराने दिनों को याद करके भावुक हो रहे हैं वायरल वीडियो में साल 1989 में रविवार को प्रसारित होने वाले दूरदर्शन न्यूज़, रंगोली, द स्पेशल सिग्मा, महाभारत जैसे सभी शोज के नाम उनके टाइमिंग के साथ दिखाए गए हैं। 

दूरदर्शन न्यूज़, रंगोली, द स्पेशल सिग्मा, महाभारत जैसे सभी शोज के नाम [Wikimedia Commons]

लोगों का रिएक्शन

इस वीडियो के द्वारा कई लोगों की पुरानी यादें तरो ताजा हो गई और लोगों ने वीडियो पर खूब कमेंट और लाइक्स किए। एक यूजर ने लिखा कि अब चाह कर भी वह अच्छे दिन वापस नहीं आ सकते, वह दिन चले गए तो एक यूजर ने लिखा कि मेरे बचपन के दिन।

इस वीडियो के द्वारा कई लोगों की पुरानी यादें तरो ताजा हो गई [Wikimedia Commons]

कमेंट सेक्शन में जहां एक तरफ पुराने दिनों को याद कर लोग भावुक हो रहे थे तो उसे दौरान लोगों के दोस्तों और परिवारों के साथ बताएं पर भी ताजा हो रहे हैं दूरदर्शन कब एक ऐसा दौर था जब रामायण और महाभारत शुरू होते थे और किरदारों को देखकर लोग भगवान समझकर हाथ जोड़ लिया करते थे। तो वही रंगोली का तो लोगों को बेसब्री से इंतजार हुआ करता था क्योंकि वही प्रोग्राम था जो लोगों को संगीत की एक अलग ही दुनिया में ले जाता था। 

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