हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जो की इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं। 13 दिसंबर के दिन इतिहास के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं और इन घटनाओं से यह समझने में मदद मिलती है कि एक निर्णय या घटना कैसे समय के साथ-साथ बड़े बदलाव लेकर आते हैं। आइए जानते हैं 13 दिसंबर (History Of 13th December) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।
नेत्रहीन T-20 विश्वकप में भारत चैंपियन
2012 में हुए नेत्रहीन ट्वेंटी-20 विश्वकप (Blind Twenty20 World Cup) के फ़ाइनल में भारत ने पाकिस्तान को 30 रनों से हराया। इस जीत से भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन कर विश्व चैंपियन का खिताब हासिल किया। यह जीत दिव्यांग खिलाड़ियों के आत्मविश्वास और क्षमता का बड़ा उदाहरण बनी।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में 57% मतदान
2008 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu and Kashmir Assembly elections) के पाँचवें चरण में 11 सीटों पर मतदान हुआ। जनता ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और लगभग 57% मतदान हुआ। कठिन परिस्थितियों और सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद लोगों की भागीदारी लोकतंत्र के प्रति उनकी आस्था दर्शाती है।
श्रीलंका में सेना–लिट्टे संघर्ष
2007 में श्रीलंकाई सेना और लिट्टे विद्रोहियों के बीच भीषण संघर्ष (Sri Lankan Army–LTTE conflict) हुआ। इस संघर्ष में 17 लिट्टे उग्रवादी मारे गए। यह घटना श्रीलंका में लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध की गंभीर स्थिति और दोनों पक्षों के बीच लगातार बढ़ते तनाव को दिखाती है।
वियतनाम बना WTO का 150वां सदस्य
2006 में विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने वियतनाम को अपने 150वें सदस्य के रूप में शामिल करने की अधिसूचना जारी की। यह कदम वियतनाम की वैश्विक अर्थव्यवस्था में नई भूमिका तय करने वाला साबित हुआ और व्यापारिक अवसरों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रहा।
सद्दाम हुसैन गिरफ्तार
2003 में इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन (Saddam Hussein) को उनके गृह नगर तिकरित के पास गिरफ्तार कर लिया गया। अमेरिकी बलों ने लंबी खोज के बाद उन्हें पकड़ा। यह घटना इराक युद्ध का सबसे बड़ा मोड़ साबित हुई और देश की राजनीति को पूरी तरह बदल दिया।
यूरोपीय संघ का विस्तार
2002 में यूरोपीय संघ (European Union) में बड़ा विस्तार हुआ। साइप्रस, चेक गणराज्य, एस्टोनिया, हंगरी, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया को शामिल किया गया। इस विस्तार से यूरोप में आर्थिक सहयोग और राजनीतिक एकता को नई मजबूती मिली।
भारतीय संसद पर हमला
2001 में दिल्ली स्थित भारतीय संसद (Attack on indian parliament) पर आतंकवादियों ने घातक हमला किया। सुरक्षा बलों ने हमलावरों का सामना किया और देश की लोकतांत्रिक संस्था को बचाया। यह घटना देश की सुरक्षा प्रणाली को लेकर बड़े बदलावों का कारण बनी।
महात्मा रामचन्द्र वीर को सम्मान
1998 में कोलकाता की बड़ा बाज़ार लाइब्रेरी ने महात्मा रामचन्द्र वीर (Mahatma Ramchandra Veer) को “भाई हनुमान प्रसाद पोद्दार राष्ट्र सेवा पुरस्कार” से सम्मानित किया। यह सम्मान उनके समाज-सेवा और साहित्यिक योगदान को मान्यता देने के लिए प्रदान किया गया।
कोफी अन्नान संयुक्त राष्ट्र महासचिव
1996 में कोफी अन्नान संयुक्त राष्ट्र के महासचिव चुने गए। वे इस पद पर आने वाले पहले उप-सहारा अफ्रीकी नेता बने। उनकी नियुक्ति से संयुक्त राष्ट्र में शांति, कूटनीति और वैश्विक विकास को नई दिशा मिली।
पोलैंड में सेना ने सत्ता संभाली
1981 में पोलैंड में सेना ने आपातकाल लगाकर सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया। यह कदम बढ़ते मजदूर आंदोलनों और राजनीतिक अस्थिरता को रोकने के लिए उठाया गया, लेकिन इससे जनता में बड़ी नाराज़गी फैल गई।
भारत–सोवियत पंचशील समझौता
1955 में भारत और सोवियत संघ ने पंचशील समझौते (Panchsheel Agreement) को स्वीकार किया। यह समझौता आपसी सम्मान, सहयोग और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धांतों पर आधारित था और दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाने वाला साबित हुआ।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का उद्घाटन
1921 में प्रिंस ऑफ वेल्स ने वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) का उद्घाटन किया। यह विश्वविद्यालय भारत में आधुनिक शिक्षा और सांस्कृतिक विकास का प्रमुख केंद्र बना।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना
1920 में हेग (नीदरलैंड) में लीग ऑफ नेशंस (League of Nations) के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना हुई। यह अदालत अंतरराष्ट्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के उद्देश्य से बनाई गई थी।
नारायण राव पेशवा बने
1772 में नारायण राव सतारा (Narayan Rao Satara) के पेशवा बने। उनका शासनकाल अल्पकालीन रहा, लेकिन मराठा साम्राज्य के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण बदलाव का समय था।
मनोहर पर्रीकर
1955 में जन्मे मनोहर पर्रीकर (Manohar Parrikar) गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पहले IIT स्नातक मुख्यमंत्री थे। वे अपनी सरलता, मजबूत प्रशासनिक क्षमता और रक्षा मंत्री के रूप में निर्णायक भूमिका के लिए जाने जाते हैं। पर्रीकर ने गोवा की राजनीति में बड़ा प्रभाव छोड़ा।
डॉ. हर्षवर्धन
1954 में जन्मे डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harshvardhan) भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। वे डॉक्टर होने के साथ कई बार केंद्रीय मंत्री रहे। दिल्ली में पोलियो उन्मूलन अभियान को सफल बनाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही, जिसके बाद वे राष्ट्रीय स्तर पर पहचाने गए।
कमल नारायण सिंह
1926 में जन्मे कमल नारायण सिंह (Kamal Narayan Singh) भारत के 22वें मुख्य न्यायाधीश रहे। उनका कार्यकाल भले ही छोटा था, लेकिन वे न्यायपालिका की गरिमा और स्वतंत्रता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसलों में योगदान दिया और न्यायिक मूल्यों को मजबूत किया।
इलाचंद्र जोशी
1903 में जन्मे इलाचंद्र जोशी (Ilachandra Joshi) हिंदी साहित्य में मनोवैज्ञानिक उपन्यासों के अग्रदूत माने जाते हैं। उनकी रचनाएँ मानवीय मन, भावनाओं और व्यवहार की गहराई को दर्शाती हैं। उन्होंने हिंदी उपन्यास को नई दिशा दी और साहित्यिक जगत में महत्वपूर्ण स्थान बनाया।
अखिल भारतीय हस्तशिल्प (सप्ताह)
अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह (All India Handicrafts Week) की शुरुआत वर्ष 1955 में भारतीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। यह सप्ताह हर साल 8 से 14 दिसंबर तक मनाया जाता है। इस दौरान देश के पारंपरिक कलाकार, बुनकर, शिल्पकार और कारीगर अपने उत्कृष्ट हस्तनिर्मित उत्पाद प्रदर्शित करते हैं। सरकार और विभिन्न संस्थाएं मेलों, प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं का आयोजन करती हैं, ताकि लोगों को भारतीय कला और संस्कृति की सुंदरता से जोड़ सकें। इसका मुख्य उद्देश्य देशी हस्तशिल्प को बढ़ावा देना, कारीगरों को आर्थिक सहायता देना और युवा पीढ़ी को पारंपरिक कला की ओर आकर्षित करना है।
हवाई सुरक्षा दिवस (सप्ताह)
भारत में हवाई सुरक्षा दिवस (Air Safety Day) की शुरुआत 1996 में हुई, जब हवाई यात्रा के बढ़ते महत्व और सुरक्षा को सुनिश्चित करने की आवश्यकता महसूस की गई। यह दिवस और इससे जुड़ा सप्ताह यात्रियों, एयरलाइंस, सुरक्षा एजेंसियों और हवाई अड्डे के कर्मचारियों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। इस दौरान विमानन विभाग सुरक्षा अभ्यास, जागरूकता अभियान और तकनीकी प्रशिक्षण आयोजित करता है। यात्रियों को सुरक्षा नियमों, सामान जांच और आपातकालीन प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी जाती है। इसका उद्देश्य हवाई यात्रा को और सुरक्षित, भरोसेमंद और सुचारु बनाना है।