तैरते हुए बगीचों और हाउसबोट्स के बारे में तो आप सभी लोगों ने सुना ही होगा पर क्या आप जानते हैं कि कश्मीर की प्रसिद्ध डल झील (Dal Lake) में एक तैरता हुआ पोस्ट ऑफिस (Floating Post Office) भी है। दूनिया में यह एकमात्र तैरता हुआ डाकघर है। वैसे तो कश्मीर (Kashmir) अपनी अविश्वसनीय प्राकृतिक सुंदरता के लिए पूरी दुनियाभर में प्रसिद्द है। परंतु यह डाकघर यहां मौजूद असामान्य चीजों में से एक है।
यह डाकघर ब्रिटिश राज के दिनों से अस्तित्व में है। दो सदी पुराने इस तैरते हुए डाकघर की शुरुआत ब्रिटिश काल में हुई थी और यह झील पर रहने वाले लोगों को आज भी पत्र और कुरियर पहुंचा रहा है।
वर्ष 2011 से पहले इसे नेहरू पार्क पोस्ट ऑफिस (Nehru Park Post Office) कहा जाता था। लेकिन उस साल तत्कालीन चीफ पोस्ट मास्टर जॉन सैमुअल ने फिर से इसे तैयार करने की पहल की और इसका नाम बदलकर 'फ्लोटिंग पोस्ट ऑफिस' कर दिया।"
अगस्त 2011 में, फ्लोटिंग पोस्ट ऑफिस संग्रहालय को औपचारिक रूप से तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और केंद्रीय संचार और आईटी राज्य मंत्री सचिन पायलट द्वारा लॉन्च किया गया था।
डल झील पर तैरते हुए इस डाकघर में वो सभी सेवाएं उपलब्ध हैं, जो एक डाक घर में होती हैं। इस डाकघर की विशेष पहचान ये है कि यहां चिट्ठियों के लिफाफे पर शिकारे और नाव चालक वाली एक विशेष मुहर का इस्तेमाल किया जाता है। डाक घर से चिट्ठियां पहुंचाने का काम डाकिया ही करता है, परंतु इसके लिए डाकिया शिकारे की यात्रा कर चिट्ठियों को पहुंचाता है।
भारतीय डाक कर्मचारी, 'फारूक अहमद के अनुसार, यह पोस्ट ऑफिस दो सौ साल पुराना है। यह पहले नेहरू पार्क पोस्ट ऑफिस के नाम से जाना जाता था, बाद में इसका नाम फ्लोटिंग पोस्ट ऑफिस पड़ गया।' यहां एक स्पेशल स्टाम्प है जो आपको कहीं और नहीं मिलेगा।
इस तैरते हुए डाकघर (Post Office) में पुराने डाक टिकटों का कलेक्शन भी है। एक कमरे में छोटा सा म्यूजियम भी था, जो 2014 की बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गया। यहां मौजूद अन्य सेवाओं में इंटरनेट सुविधा और अंतरराष्ट्रीय फोन कॉल शामिल हैं। इसके साथ ही यहां एक स्मारिका की दुकान है जहां से पोस्टकार्ड, टिकट, स्थानीय आइटम और ग्रीटिंग कार्ड खरीदे जा सकते हैं। यह डाक घर दुनिया भर में अपने आप में अनोखा और आकर्षित करने वाला है। इस डाकघर से चिट्ठियां भी भेजी जाती हैं और पर्यटक भी यहां घूमने आते हैं।