भारत का तीसरा चंद्रमा मिशन : चंद्रयान-3(Chandrayaan-3) का प्रक्षेपण 13 जुलाई को नहीं, बल्कि 14 जुलाई दोपहर को प्रस्तावित है। (Image: Wikimedia Commons) 
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इसरो के लिए 13 अशुभ? चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 14 जुलाई को तय हुआ

भारत का तीसरा चंद्रमा मिशन : चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 13 जुलाई को नहीं, बल्कि 14 जुलाई दोपहर को प्रस्तावित है। इसकी आधिकारिक ताैैर पर पुष्टि की गई।

न्यूज़ग्राम डेस्क

 भारत का तीसरा चंद्रमा मिशन : चंद्रयान-3(Chandrayaan-3) का प्रक्षेपण 13 जुलाई को नहीं, बल्कि 14 जुलाई दोपहर को प्रस्तावित है। इसकी आधिकारिक ताैैर पर पुष्टि की गई। 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा, "चंद्रयान-3 : एलवीएम3-एम4/चंद्रयान-3 मिशन के प्रक्षेपण की घोषणा : प्रक्षेपण अब 14 जुलाई, 2023 को भारतीय समयानुसार अपराह्न 2:35 बजे एसडीएससी, श्रीहरिकोटा से होना निर्धारित है।" 

दूसरे शब्दों में, एलएमवी3 रॉकेट का चौथा मिशन चंद्रयान-3 है।

रॉकेट 3,900 किलोग्राम या 3.9 टन वजनी चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को ले जाएंगे, जो एलएमवी रॉकेट की कुल वहन क्षमता से थोड़ा कम है।

इससे पहले, कई मीडिया आउटलेट्स ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग तारीख 13 जुलाई बताई थी।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, "हमारे पास 12 जुलाई से 19 जुलाई के बीच लॉन्च विंडो है। सटीक तारीख को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।"

इसरो(ISRO) अब तक पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-सी13 (पीएसएलवी-सी13) नाम के रॉकेट की गैरमौजूदगी को स्पष्ट नहीं कर पाया था। (Image: Wikimedia Commons)

क्या इसरो ने 13 जुलाई को अशुभ माना और 14 जुलाई को लॉन्च का फैसला किया? अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारी अन्यथा कह सकते हैं, लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि 1993 के बाद से इसरो ने कभी भी अपने किसी भी रॉकेट - पीएसएलवी, जीएसएलवी, एलवीएम 3 या एसएसएलवी- को 13 तारीख को लॉन्च नहीं किया है।

इसरो(ISRO) अब तक पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-सी13 (पीएसएलवी-सी13) नाम के रॉकेट की गैरमौजूदगी को स्पष्ट नहीं कर पाया था। रॉकेट पीएसएलवी-सी12 को भेजने के बाद इसरो एक नंबर आगे बढ़ गया और अपने अगले रॉकेट, जिसने ओसियनसैट -2 और छह यूरोपीय नैनो उपग्रहों को लॉन्च किया, को पीएसएलवी-सी14 के रूप में बुलाया!

पीएसएलवी-सी13 के बारे में पूछे जाने पर इसरो के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "इस नंबर के साथ ऐसा कोई रॉकेट नामित नहीं है।" उन्होंने यह कहने से इनकार कर दिया कि क्या इसरो 13 को अशुभ अंक मानता है।

इसरो ने चंद्रयान-3 के लिए 15 जुलाई को लॉन्च की तारीख नहीं मानी होगी, क्योंकि चंद्रयान-2 को मूल रूप से 15 जुलाई, 2019 को लॉन्च किया जाना था। हालांकि, आखिरी समय में तकनीकी समस्या के कारण लॉन्च को 22 जुलाई, 2019 तक के लिए टाल दिया गया था। 

चंद्रयान-3 में एक ऑर्बिटर या प्रोपल्शन मॉड्यूल, विक्रम नामक एक लैंडर और प्रज्ञान नामक एक रोवर शामिल है। ऑर्बिटर, या प्रोपल्शन मॉड्यूल, जैसा कि इसरो ने इसे नाम दिया है, का वजन 2,148 किलोग्राम है, और रोवर सहित लैंडर का वजन 1,752 किलोग्राम है।

चंद्रयान-3 का मुख्य उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा की धरती पर सुरक्षित उतारना है। उसके बाद, रोवर प्रयोग करने के लिए बाहर निकलेगा। (IANS/AK)

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