क्रॉसवर्ड और शतरंज जैसे खेल खेलने से वृद्ध लोगों में डिमेंशिया(dementia) रोका जा सकता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।  (Image: Wikimedia Commons)
क्रॉसवर्ड और शतरंज जैसे खेल खेलने से वृद्ध लोगों में डिमेंशिया(dementia) रोका जा सकता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। (Image: Wikimedia Commons) 
अंतर्राष्ट्रीय

बुजुर्गों में डिमेंशिया को रोक सकते हैं क्रॉसवर्ड और शतरंज जैसे गेम्स

न्यूज़ग्राम डेस्क

क्रॉसवर्ड(Crossword) और शतरंज(Chess) जैसे खेल खेलने से वृद्ध लोगों में डिमेंशिया(dementia) रोका जा सकता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।

जेएएमए नेटवर्क ओपन में प्रकाशित निष्कर्ष में वृद्ध व्यक्तियों और वृद्ध देखभाल पेशेवरों को कंप्यूटर पर क्रॉसवर्ड और शतरंज जैसे खेल  उनके मनोभ्रंश को कम कर सकते है।

शोधकर्ताओं ने 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 10,318 आस्ट्रेलियाई लोगों के आंकड़े एकत्र किए। उन्होंने पाया कि जो प्रतिभागी नियमित रूप से कंप्यूटर पर क्रॉसवर्ड और शतरंज जैसे खेल खेलते है, उनमें अपने साथियों की तुलना में डिमेंशिया की संभावना 9 से 11 प्रतिशत तक कम थी। बुनाई और पेंटिंग जैसे रचनात्मक शौक और पढ़ने जैसी गतिविधियों ने इस जोखिम को सात प्रतिशत तक कम कर दिया।

इसके विपरीत, किसी के सोशल नेटवर्क, सिनेमा या रेस्तरां में जाना, सैर करना डिमेंशिया से जुड़ा नहीं पाया गया।

वैश्विक स्तर पर 2022 में 5.5 करोड़ लोग डिमेंशिया से पीड़ित थे। हर साल इसके एक करोड़ नए मामले सामने आ रहे हैं।

मोनाश यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड प्रिवेंटिव मेडिसिन के वरिष्ठ लेखक एसोसिएट प्रोफेसर जोआन रयान ने कहा कि डिमेंशिया को रोकने के लिए रणनीतियों की पहचान करना एक बड़ी वैश्विक प्राथमिकता थी।

प्रोफेसर रयान ने कहा, हमारे पास एक अनूठा अवसर था कि हम जीवन शैली की उस पहलुओं की जांच करें जिससे डिमेंशिया से बचा जा सके। उन्‍होंने कहा, मुझे लगता है कि हमारे परिणाम हमें बताते हैं कि पहले से संग्रहीत ज्ञान का सक्रिय हेरफेर डिमेंशिया के जोखिम को कम करने में अधिक भूमिका निभा सकता है। दिमाग को सक्रिय और चुनौतीपूर्ण बनाए रखना विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है।

प्रोफेसर रयान ने कहा कि नतीजों में इस बात से इनकार नहीं किया गया है कि जो लोग स्वाभाविक रूप से ऐसी गतिविधियों की ओर आकर्षित होते हैं, उनके पास आमतौर पर बेहतर स्वास्थ्य और व्यवहार हो सकता है। (IANS/AK)

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