ईरान (Iran) ने पश्चिमी देशों को आतंकवाद को अच्छे और बुरे में विभाजित करके मानवाधिकार (Human Rights) का झूठा रक्षक होने का आरोप लगाया है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने स्काई न्यूज की उस रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट पोस्ट करने के बाद अपने ट्विटर अकाउंट पर यह टिप्पणी की, जिसमें कहा गया था कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने ब्रिटिश पुलिस को विरोध को रोकने के लिए नए अधिकार देने का वादा किया था।
कनानी ने कहा कि ये अधिकारी, जो स्व-घोषित मानवाधिकार रक्षक हैं, उन शासनों के लिए काम करते हैं, जिनका तख्तापलट, षड्यंत्र, हस्तक्षेप और लाखों लोगों की जान लेने वाले युद्धों का इतिहास रहा है।
उन्होंने कहा है कि, "ब्रिटेन (Britain), जर्मनी (Germany), फ्रांस (France), कनाडा (Canada) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) में सार्वजनिक विरोध बुरा है और कड़ी प्रतिक्रिया के लायक हैं, लेकिन उनके लक्षित देशों में दंगे अच्छे हैं और समर्थन के लायक हैं!"
ईरानी प्रवक्ता ने मजाक उड़ाया, "मौत अच्छी है, लेकिन पड़ोसी के लिए।"
सितंबर में 22 वर्षीय महसा अमिनी की पुलिस हिरासत के बाद तेहरान के एक अस्पताल में मौत के बाद ईरान में विरोध प्रदर्शन हुआ।
ईरान ने अमेरिका (America) और कुछ अन्य पश्चिमी देशों पर अपने देश में दंगे भड़काने और आतंकवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है।
आईएएनएस/RS