न्यूज़ग्राम हिंदी: विश्व बैंक(World Bank) का मानना है कि कमजोर श्रम बाजारों और उच्च मुद्रास्फीति के दबाव के कारण पाकिस्तान(Pakistan) में गरीबी अनिवार्य रूप से बढ़ेगी। एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है। विश्व बैंक ने चेतावनी दी कि विदेशी वित्तपोषण में और देरी, नीतिगत चूक और राजनीतिक अनिश्चितता गरीबी के परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करती है।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के लिए वृहद गरीबी परिदृश्य पर विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च सामाजिक व्यय के अभाव में निम्न मध्य-आय वर्ग की गरीबी दर 2022-23 में बढ़कर 37.2 प्रतिशत पर पहुंचने की आशंका है।
गरीब परिवारों की कृषि और छोटे विनिर्माण तथा निर्माण गतिविधियों पर निर्भरता को देखते हुए आर्थिक और जलवायु के झटकों के प्रति वे संवेदनशील होते हैं।
डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रवासियों द्वारा भेजी गई विदेशी मुद्रा के प्रवाह में भी 11.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसका एक कारण विनिमय दर की सीमा तय कर देना भी है। इससे प्रवासी पैसे भेजने के लिए अनौपचारिक गैर-बैंकिंग चैनलों को प्राथमिकता दे रहे हैं। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि कुल प्रेषण में किसी भी तरह की गिरावट से परिवारों की आर्थिक झटकों से निपटने की क्षमता कम हो जाएगी, जिससे गरीबी पर दबाव बढ़ेगा।
विश्व बैंक ने कहा है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कम विदेशी मुद्रा भंडार और उच्च मुद्रास्फीति के कारण दबाव में है। नीति को कड़ा करने, बाढ़ के प्रभाव, आयात नियंत्रण, ऊंची ब्याज दर और उच्च ईंधन लागत, आत्मविश्वास में कमी, और दीर्घकालीन नीतिगत एवं राजनीतिक अनिश्चितता के साथ गतिविधियों में कमी आई है। कुछ सुधार होने के अनुमान के बावजूद, मध्यम अवधि में क्षमता से कम विकास दर की संभावना है।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उच्च मुद्रास्फीति और कम आय के कारण गरीब परिवार स्कूल में उपस्थिति और खाना कम कर सकते हैं जिससे स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी जोखिम हैं।
सार्वजनिक उपभोग बढ़ने से वित्त वर्ष 2021-22 में आर्थिक विकास क्षमता से काफी अधिक रहा। इसके कारण घरेलू कीमतों, विदेशी और राजकोषीय क्षेत्रों, विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ा।
यह असंतुलन 2022 में विनाशकारी बाढ़, वैश्विक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, वैश्विक वित्त पोषण में कमी और घरेलू राजनीतिक अनिश्चितता से और भी बदतर हो गए।
--आईएएनएस/VS