गुजरात (Gujarat) की चैंपियन ट्रायथलीट प्रगन्या मोहन (Pragnya Mohan) रविवार को राष्ट्रीय खेलों में महिला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने को लेकर इतनी आश्वस्त थीं कि इवेंट से पहले उन्होंने खुद के लिए एक कठिन लक्ष्य निर्धारित किया और वह लक्ष्य था- पांच मिनट के अंतर जीत।
आश्चर्य की बात नहीं है कि आईआईटी गांधीनगर (IIT Gandhinagar) परिसर में और उसके बाहर रेस के दो-तिहाई समय तक कोई मोहन को चुनौती देने वाला नहीं था। यहां तक कि साइकिल इवेंट के दौरान तेज हवा भी उसे अपने मिशन से नहीं हिला सकती थी।
प्रगन्या मोहन ने फिनिश लाइन को अपने अंदाज में पार किया। फिनिश लाइन पर उन्हें खुश करने के लिए भारी भीड़ जमा थी।
राष्ट्रीय खेलों में अपना पहला व्यक्तिगत स्वर्ण (Gold) जीतने के बाद कहा प्रगन्या ने कहा, "मेरी ट्रेनिंग इतनी अच्छी रही है कि मैंने इस इवेंट में अपने लिए एक व्यक्तिगत लक्ष्य निर्धारित कर लिया था। मेरे लिए यह लक्ष्य कम से कम पांच मिनट के अंतर से जीत हासिल करना था। इसने मुझे दौड़ में आगे बढ़ाया और मैं एक बार भी ढीली नहीं हुई।"
केरल (Kerala) में पिछली बार 10वें स्थान पर रहने के बाद प्रगन्या को काफी कुछ साबित करना था। संयोग से 1 घंटे 7 मिनट और 32 सेकंड में उनके स्वर्ण पदक के प्रयास ने गुजरात के स्वर्ण पदकों संख्या को 12 के प्रभावशाली स्तर पर पहुंचा दिया।
प्रगन्या ने कहा, "यह मेरे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक था। मैंने राइड का आनंद लिया। कुछ हवा थी जिसने मेरी गति को प्रभावित किया लेकिन जब से मैं पावर पर प्रशिक्षण लेती हूं, साइकिल चलाना एक साधारण काम था। जब मैं आईआईटी परिसर में वापस आई, तो मैं अकेली थी और इस दौरान दो सहायता केंद्रों से पानी लेकर मैंने अपने शरीर को आद्र सुबह में नम किया। जिन लोगों ने मुझे वहां देखा, वे जान गए होंगे कि मैं हांफ रही थी।"
मोहन ने आगे कहा कि "बेशक, कुल मिलाकर सुधार की गुंजाइश है। मैं स्विम लेग में कई टर्न के लिए तैयार थी क्योंकि यह एक पूल में आयोजित किया जा रहा था। मैंने अधिकारियों से पिछले 50 मीटर लैप की शुरूआत में घंटी बजाने के लिए कहा था ताकि प्रतियोगियों को यह संकेत मिल सके कि उन्हें 750 मीटर तैरने के बाद ट्रांजिशन एरिया में भागना है।"
घरेलू एथलीट ने कहा, "घरेलू मैदान पर और घरेलू दर्शकों के सामने जीतकर बहुत खुशी होती है। यहां राष्ट्रीय खेल आयोजित करने के लिए मैं सरकार को धन्यवाद देना चाहती हूं। मैं इससे विशेष रूप से प्रोत्साहित थी कि कुछ युवा विशेष रूप से मेरी हौसला अफजाई के लिए आए थे। मुझे उम्मीद है कि वे जल्द ही कोई ना कोई खेल शुरू करने के लिए प्रेरित होंगे।"
उम्मीदों के दबाव के सवाल पर प्रगन्या ने कहा कि इसे लेकर वह कई बातें सुन रही थीं लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया और अपने परफार्मेंस पर ध्यान दिया। मोहन ने कहा, "मुझे पहले से पता था कि दबाव होगा, लेकिन मैंने पिछले कुछ वर्षों में सीखा है कि प्रतिस्पर्धा में क्या किया जाना चाहिए, इस पर अपना ध्यान केंद्रित करना है।"
यह बात प्रगन्या के काम आई और इस कारण दूसरों को छोटे पदकों से संतुष्ट होना पड़ा।
इस बीच, सर्विसेज के कुल पदकों की संख्या 108 हो गई है, जिसमें 48 स्वर्ण, 32 रजत और 28 कांस्य शामिल हैं। हरियाणा ने 30 स्वर्ण पदक के साथ महाराष्ट्र पर दो स्वर्ण की लीड बना रखी है।
सर्विसेज को आज सुबह आदर्श मुरलीधरन सिनिमोल (Adarsh Muralidharan Nair Sinimol's) और विश्वनाथ यादव (Vishwanath Yadav) ने पुरुषों के व्यक्तिगत ट्रायथलॉन में पहला और दूसरा स्थान दिलाया और फिर सर्विसेज ने कैनोइंग और कयाकिंग के दोनों स्वर्ण पदकों को अपनी झोली में डाला।
आईएएनएस/PT