मध्य प्रदेश का आयुष विभाग बताता है कि अंकुरित अनाज (Sprouted Grains) का सेवन पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद होता है और इनसे जुड़ी परेशानियों का आसान और प्राकृतिक इलाज है।
अंकुरित अनाज न सिर्फ पाचन को दुरुस्त रखता है, बल्कि पूरे शरीर को पोषण देकर तन-मन दोनों को स्वस्थ बनाता है। अंकुरण की प्रक्रिया में अनाज के अंदर छिपे सारे पोषक तत्व कई गुना बढ़ जाते हैं। साधारण मूंग, चना में प्रोटीन अंकुरित होने पर बढ़ जाता है। इसी तरह विटामिन-सी, विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स, आयरन, कैल्शियम (Calcium) और एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा भी कई गुना बढ़ जाती है। सबसे बड़ी बात यह है कि अंकुरण के दौरान एंजाइम एक्टिव हो जाते हैं, जो भोजन को आसानी से पचाने में मदद करते हैं।
अंकुरित अनाज को अपने खाने की थाली में शामिल करने से एक-दो नहीं, बल्कि कई फायदे मिलते हैं। फाइबर की भरपूर मात्रा कब्ज, अपच, गैस जैसी समस्याओं को दूर करती है और आंतों को साफ रखती है। एंजाइम की वजह से शरीर को विटामिन-मिनरल आसानी से मिल जाते हैं। कम कैलोरी में भरपेट पोषण मिलता है, भूख कम लगती है। इससे वजन नियंत्रण में मदद मिलती है। विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट्स संक्रमण (Antioxidants Infection) से बचाते हैं। इम्यूनिटी बढ़ती है। आयरन की मात्रा बढ़ने से एनीमिया में फायदा मिलता है और खून की कमी दूर होती है। इससे त्वचा और बालों में भी निखार आता है। बायोटिन और प्रोटीन बालों का झड़ना रोकते हैं और चमक लाते हैं।
डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों के लिए भी अंकुरित अनाज अनेक लाभ देने वाला है। लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने से ये डायबिटीज रोगियों के लिए भी अच्छा होता है।
इसे बनाना भी बेहद सरल और झंझटों से मुक्त है। रात में मूंग, चना, काला चना या मिक्स अनाज भिगो दें। सुबह पानी निकालकर गीले कपड़े में बांधकर 8 से 10 घंटे रखें। अगले दिन ताजे अंकुरित अनाज में नींबू-नमक, काला नमक, भुना जीरा डालकर, चाट बनाकर या सब्जी में मिलाकर खा सकते हैं। ये नाश्ते में सबसे अच्छा रहता है।
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