अगर हम सोने से पहले कुछ सही आदतें अपनाएं, तो नींद न केवल गहरी होती है बल्कि शरीर भी स्वाभाविक रूप से स्वस्थ और तरोताजा महसूस करता है।
सोने से पहले दिनभर की चिंता और तनाव को मन से निकाल दें। कुछ गहरी सांसें लें और खुद को शांत करें। यह मेंटल डिटॉक्स (Mental Detox) जैसा असर देता है। इसके बाद गुनगुने पानी से पैर धोना बहुत फायदेमंद माना गया है। इससे शरीर का तापमान संतुलित होता है और नींद जल्दी आती है। अगर आप चाहें तो तलवों पर थोड़ा घी या नारियल तेल लगाकर हल्की मालिश करें, इससे तंत्रिका तंत्र शांत होता है और नींद गहरी होती है।
आयुर्वेद (Ayurveda) में नाभि और नाक में तेल डालने की भी सलाह दी गई है। नाभि में 2 बूंद घी या सरसों तेल डालने से पाचन सुधरता है और त्वचा को पोषण मिलता है। वहीं, नाक में अणु तेल या घी की कुछ बूंदें डालने से दिमाग शांत होता है और मानसिक थकान दूर होती है।
अगर आपको दूध पसंद है तो सोने से पहले हल्दी दूध, जायफल दूध या अश्वगंधा दूध पीना लाभदायक रहता है। ये शरीर को आराम देते हैं और नींद गहरी करते हैं।
सोने से पहले मोबाइल (Mobile), टीवी (TV) और लैपटॉप (Laptop) जैसी स्क्रीन बंद कर दें, क्योंकि इनसे निकलने वाली नीली रोशनी नींद के हार्मोन मेलाटोनिन को प्रभावित करती है। इसके बजाय हल्का संगीत, मंत्र या ऊं शांति का जप सुनें, यह मन को बहुत सुकून देता है।
कमरे की रोशनी मंद रखें और माहौल शांत बनाएं। अगर संभव हो तो चंदन या लैवेंडर की खुशबू फैलाएं, यह नींद को स्वाभाविक रूप से गहरी बनाती है। सोने से पहले प्रार्थना करना और आभार व्यक्त करना ना भूलें। यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
सोने की मुद्रा भी बहुत मायने रखती है। आयुर्वेद कहता है कि बाईं करवट सोना पाचन के लिए उत्तम है। सबसे अच्छा समय रात 9:30 से 10 बजे के बीच सोने का माना गया है, क्योंकि यह कफ काल होता है जो नींद को स्वाभाविक रूप से गहरी बनाता है।
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