Diabetic Neuropathy : डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो कब शरीर में पनपने लगती है इंसान को पता भी नहीं चलता। इस बीमारी के लिए हम खुद जिम्मेदार होते हैं। हमारा बदलता लाइफस्टाइल, खराब डाइट और तनाव भरा जीवन हमें जाने-अंजाने में शुगर की बीमारी का शिकार बना देता है। खासतौर से भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है डायबिटीज की बीमारी रातों - रात नहीं पनपती इसके लिए हमारी सालों की खराब आदतें जिम्मेदार हैं। डायबिटीज की बीमारी इतनी तेजी से फैल रही है कि इसने बच्चों को भी अपनी चपेट में ले लिया है।
यह एक ऐसी गंभीर समस्या है जो अपने साथ ढेरों बीमारियां लेकर के आती है, इन्हीं में से एक है डायबिटिक न्यूरोपैथी। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, लंबे समय तक शुगर लेवल हाई रहने से डायबिटीज के मरीजों को डायबिटिक न्यूरोपैथी का सामना करना पड़ता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि डायबिटिक न्यूरोपैथी एक नर्व डैमेज से जुड़ी समस्या है, जिसका असर ज्यादातर हाथ, पैर की नसों और तलवों में देखने को मिलती है और ये दिक्कत उनमें ज्यादा देखने को मिलती है, जिन लोगों का डायबिटीज कंट्रोल में नहीं रहता है। ऐसी स्थिति में शरीर की सभी नसें बढ़े हुए शुगर लेवल के कारण नष्ट होने लगती हैं। इसके लक्षण ज्यादातर पैरों और हाथों में देखने को मिलते हैं।
डायबिटिक न्यूरोपैथी में मरीज का हार्ट रेट बढ़ने लगता है जिससे ब्लड सर्कुलेशन पर भी असर पड़ता है। यह बीमारी सबसे पहले नर्वस सिस्टम पर अपना प्रभाव डालती हैं और नर्व डैमेज का कारण बनती हैं। ऐसी स्थिति में हाथ पैरों का सेंस ऑफ टच खोने लगता है। नर्व डैमेज के चलते हाथ पैर सुन्न होने लगते हैं।
इसके अलावा अपच, उल्टी, थकान या चक्कर आने कि समस्या- इसके कारण पूरी बॉडी को कमज़ोर होने लगती है, जिससे डाइजेशन में परेशानी और थकान जैसी समस्या बढ़ जाती है, यदि आपको डाइबिटीज है और रात को हाथ पैरों में जलन होती है तो यह डायबिटिक न्यूरोपैथी का संकेत हो सकता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, डायबिटिक न्यूरोपैथी का सबसे पहला उपचार है हेल्दी डाइट खाना और एक्सरसाइज करना, ये दोनों ही आपको इस समस्या से छुटकारा दिला सकता है तथा ऐसी स्थिति में ब्लड शुगर के स्तर को जितना हो उतना सामान्य रखने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए नियमित रूप से अपनी शुगर लेवल की जांच कराते रहना बहुत ही जरूरी है।