आज की तेज-रफ्तार जिंदगी में हर कोई थकान और तनाव का शिकार हो रहा है। IAN
स्वास्थ्य

भागदौड़ वाली जिंदगी में करें ये प्राणायाम: थकान भगाएं, ऊर्जा जगाएं

नई दिल्ली, आज की तेज-रफ्तार जिंदगी में हर कोई थकान और तनाव का शिकार हो रहा है। सुबह उठते ही शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सुस्ती महसूस होती है। ऐसे में प्राणायाम बहुत बेहतर तरीका है, जिसके साथ आप अपने दिन की शुरुआत कर सकते हैं। योग विशेषज्ञों के अनुसार, महज 10-15 मिनट का प्राणायाम न सिर्फ शरीर को फिट रखता है, बल्कि उसे डिटॉक्स भी करता है।

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आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, प्राणायाम से रक्त संचार तेज होता है, जो थकावट को दूर भगाता है और शरीर में ऊर्जा भर देता है। आइए, जानें तीन सरल प्राणायाम जो आपके दिन को तरोताजा बना देंगे।

कपालभाति- भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने इसे 'पाचन का रामबाण' बताया है। कपालभाति करने से फेफड़े साफ होते हैं और मांसपेशियां एक्टिव होती हैं, जिससे आंतों में रक्त संचार बढ़ता है और पाचन एंजाइम बेहतर होते हैं। इससे गैस, कब्ज, एसिडिटी, और अपच जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। नियमित अभ्यास से भूख बेहतर लगती है और शरीर में विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं।

अनुलोम-विलोम- आयुष मंत्रालय के अनुसार, अनुलोम-विलोम (नाड़ी शोधन प्राणायाम) करने से शरीर अंदर डिटॉक्स होता है। साथ ही, यह मन को शांत करने और चिंता व तनाव को कम करने में कारगर है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अनुलोम-विलोम (Anulom-Vilom) नींद की गुणवत्ता बढ़ाता है और एकाग्रता को निखारता है। साथ ही यह 'मानसिक डिटॉक्स' का काम करता है। रोज 10 मिनट से ही आपका मूड 'पॉजिटिव वेव' पर सवार हो जाएगा।

भस्त्रिका- आयुष मंत्रालय (Bhastrika - Ministry of AYUSH) के मुताबिक, यह एक ऐसा अभ्यास है जो शरीर की गहराई से सफाई करता है। यह शरीर के अंदर जमा हुए विषैले पदार्थ को बाहर निकालता है। इससे शरीर हल्का और ताजा महसूस होता है। आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर में तीन दोष होते हैं—कफ, पित्त और वात। अगर ये असंतुलित हो जाएं, तो कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं। भस्त्रिका प्राणायाम इन तीनों दोषों को संतुलन में लाने में मदद करता है। यह पाचन को ठीक करता है, सांस को बेहतर बनाता है और दिमाग को शांत करता है।

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