आयुर्वेद (Ayurveda) और आधुनिक विज्ञान दोनों ही मानते हैं कि सौंफ के बीजों में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर को भीतर से मजबूत बनाते हैं। इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस के साथ और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं। इसलिए, सौंफ का पानी न सिर्फ शरीर को ठंडक देता है, बल्कि पाचन से लेकर दिल की सेहत तक कई फायदे पहुंचाता है।
आयुर्वेद के मुताबिक, सौंफ शरीर की गर्मी को संतुलित रखने में मदद करती है और पाचन अग्नि यानी डाइजेशन को बेहतर बनाती है। रातभर पानी में सौंफ भिगोकर रख देने से उसमें मौजूद पोषक तत्व पानी में घुल जाते हैं। अगली सुबह इसे छानकर खाली पेट पीने से यह शरीर को ताजगी और ऊर्जा देता है। यह पेट के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है क्योंकि यह गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं को कम कर सकता है। वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो सौंफ में मौजूद फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट पाचन रसों को संतुलित रखते हैं और आंतों के कामकाज को बेहतर बनाते हैं। यही वजह है कि इसे डाइजेशन बूस्टर कहा जाता है।
दिल की सेहत के लिए भी सौंफ का पानी किसी वरदान से कम नहीं। इसमें पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को जमा होने से रोकते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और हृदय रोगों का खतरा कम होता है। इसके साथ ही सौंफ का पानी ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें पोटेशियम होता है, जो रक्त वाहिनियों को भी रिलैक्स करता है।
सौंफ के पानी का एक और बड़ा फायदा है रोग प्रतिरोधक क्षमता, यानी इम्यून सिस्टम को मजबूत करना। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) और एंटी-बैक्टीरियल (Anti-Bacterial) गुण शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं। इसके नियमित सेवन से शरीर में मौजूद हानिकारक टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं, जिससे आप जल्दी बीमार नहीं पड़ते। यही वजह है कि मौसम बदलने के समय सौंफ का पानी पीना काफी फायदेमंद माना जाता है।
अगर आप वजन कम करने की कोशिश में हैं, तो सौंफ का पानी आपकी मदद कर सकता है। यह शरीर के मेटाबॉलिज्म (Metabolism) को तेज करता है और चर्बी के जमाव को कम करने में मदद करता है। यही कारण है कि कई फिटनेस एक्सपर्ट सुबह खाली पेट सौंफ का पानी पीने की सलाह देते हैं।
मुंह की बदबू की समस्या भी सौंफ से दूर की जा सकती है। सौंफ में मौजूद प्राकृतिक तेल मुंह में मौजूद बैक्टीरिया (Bacteria) को खत्म करते हैं और सांसों को ताजगी देते हैं। इसके अलावा, यह मुंह के एसिड के स्तर को संतुलित रखता है, जिससे दांत और मसूड़े भी स्वस्थ रहते हैं।
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