Health:-हम सभी के शरीर में कई प्रकार के हारमोंस होते हैं परंतु क्या आपको पता है कि इन हारमोंस का स्टेबल रहना कितना जरूरी है? [Pixabay]
Health:-हम सभी के शरीर में कई प्रकार के हारमोंस होते हैं परंतु क्या आपको पता है कि इन हारमोंस का स्टेबल रहना कितना जरूरी है? [Pixabay] 
स्वास्थ्य

कैसे रोके महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस?

न्यूज़ग्राम डेस्क, Sarita Prasad

Hहम सभी के शरीर में कई प्रकार के हारमोंस होते हैं परंतु क्या आपको पता है कि इन हारमोंस का स्टेबल रहना कितना जरूरी है? महिलाओं को शरीर में हारमोंस से जुड़ी कई प्रकार की समस्या भी खड़ी हो जाती है जब महिलाओं में यह हारमोंस स्टेबल नहीं होते तो उनमें हमेशा एनर्जी की कमी वजन में उतार-चढ़ाव मूड स्विंग और नींद नहीं आने जैसी परेशानियां होती हैं। ऐसे में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि महिलाओं में हॉरमोन बैलेंस्ड हो। महिलाएं अपने जीवन में कभी ना कभी हार्मोन असंतुलन से गुजरती हैं, यह जीवन के जरूरी स्टेज जैसे कि प्यूबर्टी मस्तुरेशन प्रेगनेंसी या फिर मेनोपॉज के दौरान हो सकता है कुछ महिलाएं लगातार हॉरमोन इंबैलेंस का सामना करते हैं तो आईए जानते हैं कि हॉरमोन इंबैलेंस के लक्षण क्या है और इसे कैसे बचा जा सकता है। 

हॉरमोन इंबैलेंस के लक्षण

अनियमित पीरियड बहुत हैवी या बहुत कम ब्लडिंग और गंभीर प्रेमठो राशन सिंड्रोम हारमोनियम इंबैलेंस के लक्षण के रूप में सामने आ सकते हैं इसके अलावा मूड में अचानक और जल्दी-जल्दी बदलाव बढ़ता चिड़चिड़ा पान चिंता एंजायटी और डिप्रेशन हार्मोनल परिवर्तन से जुड़ी हो सकते हैं। कई बार महिलाओं में स्क्रीन की समस्या भी देखी जाती है। जैसे अचानक पिंपल का आना स्क्रीन के टेक्सचर में बदलाव होना हम उन्हें इंबैलेंस के लक्षण को बताता है। जिन महिलाओं में हार्मोन बैलेंस नहीं होते उनमें थकान बहुत जल्दी-जल्दी होने लगता है एवं अगर जिम में या तमाम कोशिशें और लगातार डाइटिंग के बावजूद आप वजन घटा नहीं पा रहे हैं तो यह भी हार्मोन और संतुलन का कारण हो सकता है।

कई महिलाओं में अचानक चेहरे और गर्दन के पास गर्मी का अनुभव होने लगता है हॉट फ्लैश होते हैं मेनोपॉज के दौरान या लक्षण महिलाओं में सबसे ज्यादा दिखाई देता है[Pixabay]

कई महिलाओं में अचानक चेहरे और गर्दन के पास गर्मी का अनुभव होने लगता है हॉट फ्लैश होते हैं मेनोपॉज के दौरान या लक्षण महिलाओं में सबसे ज्यादा दिखाई देता है इसके अलावा हम उन्हें बैलेंस के कारण स्लिप पैटर्न में बदलाव के कारण नींद नहीं आने की परेशानी भी होते हैं इसमें आधी रात में अचानक नींद उचट जाने की समस्या होती है बाल अधिक मात्रा में झड़ने लगते हैं पाचन शक्ति और उससे जुड़ी समस्या भी बहुत अधिक बढ़ने लगती है और यह सभी महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस को दर्शाते हैं। 

हार्मोनल इंबैलेंस को ठीक करने के तरीके

एक अच्छी लाइफ स्टाइल के द्वारा आप अपनी हार्मोनल इंबैलेंस को ठीक कर सकते हैं जैसे बैलेंस डाइट, रेगुलर एक्सरसाइ, तनाव दूर करने वाली तकनीके अपनाना, हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी का इस्तेमाल करना लो कांट्रेसेप्टिव या इंसुलिन सेंसटाइजिंग जैसी दवा PCOA जैसी हार्मोनल इंबैलेंस के लिए काम करती है।

एक अच्छी लाइफ स्टाइल के द्वारा आप अपनी हार्मोनल इंबैलेंस को ठीक कर सकते हैं [Pixabay]

इसके अलावा हार्मोनल बैलेंस के लक्षणों को कम करने के लिए हर्बल सप्लीमेंट प्राकृतिक उपचार करवाया जा सकता है। हार्मोनल इंबैलेंस होने पर गंभीर स्थिति में ओवेरियन सिस्ट हटाए या थाइरॉएड सर्जरी करने की जरूरत भी पड़ सकती है और कुछ इस प्रकार की बदलाव के द्वारा आप अपने हम उन्हें इंबैलेंस को कंट्रोल कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात है अच्छा खाना और समय पर अच्छा नींद लेना। इसके द्वारा भी कई बार समस्याएं खड़ी हो जाती है तो यदि आपको भी हार्मोन थिस बैलेंस जैसी समस्या अपने शरीर में नजर आ रहे हैं तो सबसे पहले आप अपने खान-पान और नींद पर ध्यान दें और फिर डॉक्टर की सलाह लेने की बात कही जाती है।

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