Herpes : सेक्सुअल डिजीज बेहद खतरनाक होते है क्योंकि कई सेक्सुअल डिजीज का कोई इलाज नहीं किया जा सकता है। ऐसी ही एक बीमारी है हर्पीस। हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (HSV), जिसे हर्पीस के नाम से जाना जाता है। यह सामान्य संक्रमण है, जिसमें दर्दनाक छाले या अल्सर बन जाते है। यह मुख्य रूप से स्किन के संपर्क से फैलता है। इसे पूरी तरह ट्रीट नहीं किया जा सकता है पर कुछ ट्रीटमेंट से इसके लक्षणों पर कंट्रोल किया जा सकता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि एंटीवायरल दवाएं न केवल अन्य विकल्पों की तुलना में इसे तेजी से ठीक करती हैं, बल्कि वे इसे दोबारा होने से भी रोकने में मदद करती हैं। इसके लिए घरेलू उपचार, ओवर-द-काउंटर दवाएं, प्रिस्क्रिप्शन दवाएं और वैकल्पिक उपचारों को भी अपनाया जा सकता है।
टाइप 1 (HSV-1) यह ज्यादातर ओरल कॉन्टैक्ट से फैलता है। मुंह में या उसके आसपास संक्रमण का यह कारण बनता है। यह जनन अंगों में भी इन्फेक्शन और घाव का कारण बन सकता है।
टाइप 2 (HSV-2) यह यौन संपर्क से फैलता है जिसके कारण जननांग में इन्फेक्शन हो जाता है।
दर्द से राहत पाने के लिए हर्पीस के घरेलू उपचार का उपयोग किया जा सकता है।
1) दर्द को कम करने के लिए घावों पर कपड़े से ढका हुआ आइस पैक रोजाना 15 मिनट के लिए कई बार रखें। कोल्ड प्रेस से बचने के लिए आइस पैक हिलाते रहें।
2) घावों को छूने और रगड़ने से बचें। ऐसा करने से संक्रमण त्वचा के अन्य क्षेत्रों में फैल सकता है। घाव को साफ रखें। बाथरूम जाने के बाद या दवा लगाने से पहले अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छी तरह धो लें।
3) हर्पीस के प्रकोप के दौरान तनाव दर्द के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है। हल्के व्यायाम करके या ध्यान, योग और मन-शरीर चिकित्सा का अभ्यास करके तनाव को कम किया जा सकता है।
4) ओरल हर्पीस वेजाइना तक फैल सकता है। वेजाइनल हर्पीस मुंह तक फैल सकता है। संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए ओरल सेक्स के दौरान कंडोम और डेंटल डैम का उपयोग करें। यदि आप सक्रिय हर्पीस प्रकोप से पीड़ित हैं, तो सेक्स से पूरी तरह बचें।
5) टाइलेनॉल या एसिटामिनोफेन ओरल पेन किलर है, जो हर्पीस के दर्द को कम कर सकता है। एडविल या इबुप्रोफेन और एलेव नेप्रोक्सन जैसी नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं लालिमा और सूजन को कम कर दर्द से राहत दे सकती हैं।