बात पर यकीन तो नहीं होता है लेकिन यह बात सच है कि कभी-कभी स्ट्रेस लेना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसका तन और मन दोनों पर सकारात्मक असर पड़ता है लेकिन इसके लिए एक खास पैटर्न में रहकर स्ट्रेस लेना जरूरी है। तो चलिए आज हम आपके पूरे विस्तार से बताएंगे कि स्ट्रेस लेना सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है आप अपने बेड स्ट्रेस को अच्छा स्ट्रेस में कैसे बदल सकते हैं और डॉक्टर का इस टॉपिक पर क्या कहना है।
डॉक्टर्स स्ट्रेस को यूस्ट्रेस यानी अच्छा स्ट्रेस या फायदेमंद तनाव कहते हैं। इन दिनों लंदन के प्रसिद्ध मायो क्लिनिक की हेल्थ एक्सपर्ट डॉ सफिया डिबार लोगों को अच्छा स्ट्रेस के बारे में काफी जागरूक करती हुई नजर आ रही है। डॉक्टर सफिया डिबार के मुताबिक चिंता टेंशन स्ट्रेस या तनाव मूल रूप से दिमाग के ऊपर पड़ने वाला साइकोलॉजिकल दबाव है। जिस तरह ज्यादा बोझ उठाने पर आदमी का शरीर थक जाता है और ठक्कर वह कई बार गिर भी जाता है इसी तरह जब दिमाग पर जग जरूरत से ज्यादा बोझ पढ़ने या मन को उन चीजों के बारे में सोचना पड़े जिसे वह पसंद नहीं करता तो स्थिति में मन स्ट्रेस लेता है।
आम तौर पर ऐसी धारणा है कितना की वजह से लोग अपना काम ठीक से नहीं कर पाते हैं और रिश्ते निभाने में भी पीछे रह जाते हैं। लेकिन डॉक्टर डवर का मानना है कि अच्छा स्ट्रेस कम को बेहतर तरीके से करने और रिलेशन को हेल्दी बनाने में मददगार है। जब कोई शख्स अच्छा स्ट्रेस लेता है तो स्थिति में मां पर कुछ बेहतर करने का दबाव होता है। कम या रिश्ते को लेकर यह कैजुअल अप्रोच नहीं रखता वह छोटी से छोटी बारीक चीजों के बारे में भी गंभीरता से सोचता है ऐसे में काम भी बेहतर होगा और रिश्ते भी सुधारते हैं।
चिंता लोगों को कबीर के जमाने में भी सताती थी और आज भी सताती है। राह चलते किसी भी परिचित से पूछ लीजिए कि क्या हाल है तो जवाब बढ़िया है कहीं मिलेगा लेकिन बातों बातों में थोड़ी देर तक जाएंगे तो सुनेंगे की बाकी सब तो ठीक है बस थोड़ा टेंशन रहता है। यह टेंशन किसी भी बात का हो सकता है काम का टेंशन पढ़ाई का टेंशन पार्टनर रिलेशनशिप का टेंशन या फिर सबक मिला झूला टेंशन और तनाव दूर करने के मैनेजमेंट फंड से सोशल मीडिया का पड़ा है सबके पास अपने-अपने नुस्खे हैं हालांकि सबसे नई रिसर्च बताती है कि अब चिंता टेंशन स्ट्रेस या तनाव को दूर करने की जरूरत ही नहीं है बस इसे ठीक तरीके से हैंडल करने की जरूरत है फिर यह कैरियर रिश्ते मेंटल और फिजिकल हेल्थ को कई तरह से फायदे पहुंचा सकते हैं।
अच्छा स्ट्रेस के अलावा मनुष्य की लाइफ में बैड स्ट्रेस भी होते हैं। स्थिति में आदमी स्ट्रेस के बोझ में दबता चला जाता है काम और रिश्ते बिगड़ते जाते हैं फिर आदमी उसे स्थिति या रिश्ते से पीछा छुड़ाने की कोशिश करता है। और यदि पीछा ना छूटे तो वह डिप्रेशन में आ जाता है और अगर पीछा छूट जाए तो हमेशा इस दर में जीता है। और आगे चलकर कॉन्फिडेंस की कमी भी होने लगती है। हालांकि इसमें कोई दो रह नहीं है कि स्ट्रेस सभी लेते हैं बस उसे हैंडल करने और उसके बाहर निकलने का तरीका ही इसे अच्छा या बाद स्ट्रेस बनता है। डॉक्टर का यही कहना है कि यदि स्ट्रेस को सही तरीके से हैंडल किया जाए तो यह हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है।