एक दिन की थकान के बाद, एक आरामदायक नींद की आवश्यकता सभी महसूस करते हैं। कई लोग अपने पसंदीदा सोने की पोज़िशन में सोते हैं, जैसे कि करवट लेना या पीठ के बल सोना। लेकिन क्या हम हमेशा याद रख पाते हैं कि हम सोते समय किस पोज़िशन में थे और उठते समय किस पोज़िशन से उठे थे। सोने की सही तकनीक (पोज़िशन) को जानने के लिए, शोधकर्ताओं ने कई विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया है। उन्होंने लोगों को सोते समय वीडियो बनाया, सेंसर्स लगाए, और बैंड डाले ताकि उनके सोने के पैटर्न का पता लगाया जा सके। हांगकांग में, शोधकर्ता एक "ब्लैंकेट एकोमोडेटिव स्लीप पोज़िशन क्लासिफ़िकेशन सिस्टम" नामक तकनीक विकसित कर रहे हैं, जिसमें इंफ्रारेड कैमरों का उपयोग होता है। इस तकनीक के जरिए, अगर कोई व्यक्ति मोटा कम्बल ओढ़कर सोता है, तो यह सिस्टम उसके शरीर के अंदर जाकर उसके सोने के पैटर्न की जांच कर सकता है। प्रायः देखा गया है कि बचपन में लोग ज्यादातर करवट लेकर, पीठ के बल सोने या सामने की ओर सोने की प्राथमिकता देते हैं, जबकि बड़े होने पर ज्यादातर लोगों को करवट लेने की आदत होती है।
इंटरनेट पर उपलब्ध कई लेखों में वरिष्ठ आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. स्वाति महेश्वरी कहती हैं कि "हम जब सोते हैं, तब हमारे शरीर को सुधारने का अवसर मिलता है, इसलिए हमारी सोने की पोज़िशन सही होनी चाहिए। जीवन का तीसरा हिस्सा हमारी नींद में गुजरता है, इसलिए आरामदायक और ऊर्जावान रहने के लिए सही नींद की मात्रा महत्वपूर्ण है।" वे कहती हैं कि "हमारी 'स्लीपिंग पोज़िशन' ऐसी होनी चाहिए जो हमें सोने की प्रक्रिया में मदद कर सके।"सर गंगाराम अस्पताल के स्लीप मेडिसिन विभाग के चेयरमैन डॉ. संजय मनचंदा कहते हैं कि "आपकी प्राकृतिक शरीर पोज़िशन खुद बचा लेगी, जिसमें वो सबसे आरामदायक महसूस करेगा।
"सोने का सही तरीका क्या होता है"
"डेनमार्क में हुई एक शोध में सोने की पसंदीदा पोज़िशन का पता लगाने के लिए लोगों पर स्लीप डिटेक्टर्स का उपयोग"
"शोध में प्रकट हुआ कि लगभग 50% लोग करवट लेकर सोने की पसंद करते हैं, 38% पीठ पर और सिर्फ 7% पेट के बल सोते हैं।"
"डॉक्टर स्वाति महेशवरी के अनुसार, 'पेट के बल सोने की तुलना में करवट लेकर या पीठ पर सोने से बेहतर हो सकता है। यह विशेषकर उनके लिए फायदेमंद हो सकता है जिन्हें कमर दर्द, गर्भवती महिलाएं, या रीढ़ की हड्डी में लचीलापन हो।'"
"'कुछ लोग अपने घुटने ज़्यादा मोड़कर सोते हैं, जबकि कुछ कम मोड़ते हैं। यह आपकी आराम की आदतों पर निर्भर करता है।'"
"'उन लोगों के लिए, जो बहुत ज़्यादा गर्दन, कंधों या चेहरे में दर्द महसूस करते हैं, पीठ पर सोना सुझावित हो सकता है।'"
"'डॉक्टर स्वाति महेशवरी बताती हैं, 'लंबे समय तक करवट लेकर सोने से गर्दन में दिक्कत हो सकती है। एक कंधा दबा रहने से कंधों में अकड़न हो सकती है।'"
"'जो लोग ज़ुकाम, साइनस या ऐसिड रिफ्लक्स की समस्याओं से परेशान हैं, उन्हें थोड़ा उच्च तकिया उपयोग करके सोना चाहिए।'"
"'जिन्हें बहुत ज़्यादा खर्राटे आते हैं, उन्हें पीठ या पेट के बल सोने से बचना चाहिए।'"
"कितनी देर तक सोना सही होता है"
"अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, वयस्क व्यक्ति को दिन में 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए, जबकि 61 से 65 साल के लोगों को 7 से 9 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है।"
"नींद की अधिक या कम देर आपके तंदुरुस्ती और मनोबल पर प्रभाव डाल सकती है, इस पर डॉक्टर संजय मनचंदा कहते हैं, 'आठ घंटे की मानव नींद का कोई जादूगर नहीं है। आपके शरीर और आपकी नींद की गुणवत्ता पर निर्भर करके आपको जितनी नींद चाहिए, वह आपके लिए सही है।'"
"वे यह भी बताते हैं कि 'अगर आपकी नींद में समस्या है, तो जैसे कि गहरी नींद, सपनों की अधिकता या नींद में असमंजस, तो आप थके-मांद और बेहोश महसूस कर सकते हैं।'"
"'नींद में देखे गए सपने आपके गहरी नींद और डीप स्लीप को कम कर सकते हैं, जिससे आपको रिलैक्सिंग नींद नहीं मिलती है। इसके परिणामस्वरूप, आप थकावट, गुस्सा, और भूलने की समस्याओं का सामना कर सकते हैं। इसलिए, नींद के तीनों प्रकारों में संतुलन रखना महत्वपूर्ण है।'"
"डॉक्टर संजय मनचंदा कहते हैं, 'अगर आपको नींद नहीं आ रही है, नींद बिगड़ रही है, जागने के बाद भी आप थके-मांद महसूस कर रहे हैं, या आप दिन में नींद के बहुत ज़्यादा इच्छुक हो, तो आपको एक बार डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।'"
"'नींद की दवाएँ ख़ुद ही ना लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह आपके लिए आपातकालिक हो सकता है। सबसे पहले, आपकी समस्या को समझना महत्वपूर्ण है, और फिर उसका सही उपचार ढूंढना होता है।'"
"डॉक्टर स्वाति महेशवरी यह बताती हैं, 'कुछ लोग हाथ दबाकर सोने की प्राकृतिक प्रवृत्ति बना लेते हैं, लेकिन यह उन्हें नर्व इंजरी पहुंचा सकता है। गर्दन में दर्द, कंधों की खिचाव या ऐसिड रिफ्लक्स इसके परिणामस्वरूप हो सकते हैं।'"
"'स्लीप एपनिया' के लिए वे बताती हैं, 'इसमें सांसें कुछ ही सेकंडों के लिए रुकती हैं, जिससे आपकी नींद बार-बार टूट सकती है। यदि यह समस्या हो, तो आपको दिन में भी नींद आ सकती है। इस स्थिति में, आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और स्लीप स्टडी का अनुसरण करना चाहिए।'"
"अच्छी और गहरी नींद के लिए डॉक्टर संजय मनचंदा कुछ महत्वपूर्ण टिप्स देते हैं:"
1.बिस्तर का उपयोग: अपने बिस्तर पर जाने के लिए वक्त चुनें जब आपको वास्तविक नींद आने लगे, इससे पहले आप बिस्तर पर न जाकर बैठें। अगर आप सिर्फ जागे हुए हैं तो आप अधिक सोचने में लग सकते हैं और नींद नहीं आ सकती।
2. नींद का समय: नींद के समय को नियमित रखें। आपके लिए सोने का समय तय करें और उसका पालन करें, यह समय कुछ समय आगे-पीछे हो सकता है लेकिन बहुत ज़्यादा नहीं।
3.इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग: सोने से पहले कम से कम 40 मिनट तक अपने सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद कर दें, जैसे कि टीवी, टैबलेट, और मोबाइल। ये उपकरण आपकी नींद को ख़राब कर सकते हैं।
4.शाम के खाने-पीने का परहेज़: शाम के 6 बजे के बाद चाय, कॉफ़ी, और स्टिम्युलेंट्स का सेवन न करें क्योंकि ये आपकी नींद को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा, धूम्रपान से भी परहेज़ करें।
5.शराब का सेवन: शाराब का सेवन नींद को सुधारने के लिए सहायक नहीं होता। यदि आप शराब पीने के पहले या सोने से पहले शराब का सेवन करते हैं, तो आपकी नींद को गहराई से नहीं मिल पाएगा और आपके सपने भी अस्थिर हो सकते हैं।
अच्छी नींद प्राप्त करने के लिए ये उपाय अनुसरण करना महत्वपूर्ण है। यदि आपको लंबे समय तक अच्छी नींद नहीं आ रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें क्योंकि अच्छी नींद हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होती है।