सर्पगंधा की जड़ में पाया जाने वाला रेसर्पीन (Reserpine) शरीर में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। यह अनिद्रा, तनाव और चिंता जैसी समस्याओं में राहत देता है। यही नहीं, पुराने जमाने में इसका उपयोग सांप और बिच्छू के जहर को कम करने के लिए भी किया जाता था।
सर्पगंधा दिमाग (Serpentine brain) और नर्वस सिस्टम (Nervous System) पर भी असर डालता है, जिससे आपका मन शांत होता है, नींद गहरी आती है और गुस्सा कम आता है।
यह पौधा आकार में लगभग 30 से 60 सेंटीमीटर ऊंचा होता है। इसके चमकीले हरे पत्ते और छोटे सफेद या हल्के बैंगनी फूल बहुत आकर्षक लगते हैं, लेकिन असली खजाना इसकी मिट्टी के अंदर छिपी जड़ होती है। इसकी जड़ औषधि के रूप में इस्तेमाल की जाती है।
सर्पगंधा को घर में भी उगाया जा सकता है। 18 से 24 महीने में पौधा तैयार हो जाता है, जिसकी जड़ों को औषधि के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
आयुर्वेद (Ayurveda) में सर्पगंधा की जड़ का उपयोग कई रूपों में किया जाता है। इसका पाउडर रोजाना आधा ग्राम गुनगुने पानी या दूध के साथ लेने से फायदा होता है। इसके अलावा, जड़ को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर दिन में 1–2 बार पीना भी दिमाग को ताकत और शांति मिलती है। आजकल कई आयुर्वेदिक कंपनियां इसे कैप्सूल या टैबलेट के रूप में भी उपलब्ध कराती हैं।
हालांकि सर्पगंधा को बिना किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के नहीं लेना चाहिए। इसके अलावा, यदि आपको कोई सांप काट ले तो केवल सर्पगंधा के भरोसे नहीं बैठे, बल्कि फौरन डॉक्टर के पास जाएं।
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