14 नवंबर को विश्व डायबिटीज दिवस मनाया जाता (World Diabetes Day) है Pixabay
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World Diabetes Day 2025: डायबिटीज में रखें खाने पीने का ख़ास ख्याल, जानें भारत में डायबिटीज रोगियों का क्या है हाल?

डायबिटीज (Diabetes) सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि बड़े बुजुर्गों से लेकर छोटे बच्चों में भी आजकल डायबिटीज के मामले देखने को मिलते हैं।

Sarita Prasad

डायबिटीज (Diabetes) सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि बड़े बुजुर्गों से लेकर छोटे बच्चों में भी आजकल डायबिटीज के मामले देखने को मिलते हैं। डायबिटीज में शरीर में ब्लड शुगर लेवल बहुत अधिक बढ़ जाता है जिसे कंट्रोल करना काफी मुश्किल है लेकिन काफी जरूरी भी है। आपको बता दे की शरीर में शुगर लेवल का बढ़ना इंसुलिन नाम के हार्मोन की कमी के कारण होता है या फिर जब शरीर इंसुलिन को सही तरह से इस्तेमाल नहीं कर पाता तब शुगर लेवल बढ़ जाता है। ऐसे में डायबिटीज की गंभीरता को समझते हुए और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 14 नवंबर को विश्व डायबिटीज दिवस मनाया जाता (World Diabetes Day) है तो चलिए समझते हैं कि डायबिटीज कैसे हमारे शरीर पर प्रभाव डालता है और आज भारत में डायबिटीज किस प्रकार फैला हुआ है।

World Diabetes Day 2025: थीम

डायबिटीज सिर्फ ब्लड शुगर का मुद्दा नहीं बल्कि लाइफ क्वालिटी, शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक मेल से जुड़ा विषय भी है।

जैसा कि हमने आपको बताया कि हर साल 14 नवंबर को विश्व डायबिटीज दिवस के रूप में मनाया जाता है ताकि लोगों को डायबिटीज के प्रति जागरूक किया जा सके। हर साल एक थीम भी डिसाइड की जाती है जिसे पूरे साल फॉलो किया जाता है। वर्ल्ड डायबिटीज डे 2025 (World Diabetes Day) के लिए ‘मधुमेह और कल्याण’ थीम को चुना गया है। इस थीम का उद्देश्य लोगों तक यह बात पहुंचाना है कि डायबिटीज सिर्फ ब्लड शुगर का मुद्दा नहीं बल्कि लाइफ क्वालिटी, शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक मेल से जुड़ा विषय भी है। यह थीम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि डायबिटीज के साथ रहने वाले की जिंदगी सिर्फ दवाइयां लेने या ब्लड शुगर लेवल को जांचने तक सीमित नहीं होती बल्कि उन्हें रोज-रोज की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है जिसमें सामाजिक भेदभाव, मानसिक थकान आदि समस्याएं शामिल है।

डायबिटीज रोगियों को खाने पीने का रखना चाहिए ख़ास ख़्याल

डायबिटीज रोगियों में खाने-पीने को लेकर काफी डर रहता है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि डायबिटीज रोगियों को क्या खाना चाहिए और किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। सबसे पहले तो डॉक्टर सलाह देते हैं कि खाने पीने से ज्यादा इस बात का ख्याल रखना है की डाइट बैलेंस हो। डायबिटीज के रोगी अपनी डाइट में कम ड्राई फ्रूट्स, बीज, कच्ची व उबली सब्जियां, उबला अंडा और कम शुगर वाले फूड्स शामिल कर सकते हैं। इसी के साथ रोटी और चावल का सेवन भी किया जा सकता है लेकिन हरी सब्जियां फल और ड्राई फ्रूट्स का सेवन अधिक मात्रा में होना चाहिए। क्योंकि अगर डाइट बैलेंस रहेगी तो न्यूट्रिशन ज्यादा मिलेंगे और शुगर व कार्बोहाइड्रेट भी काम होगा। ठीक इसके विपरीत चीनी वी चिकनाई वाले फूड्स का सेवन नहीं करना चाहिए।

डायबिटीज रोगियों से जुड़े आंकड़े क्या कहतें हैं?

डायबिटीज एक साइलेंट किलर बन चुका है।

डायबिटीज एक साइलेंट किलर बन चुका है। ‘डायबिटीज द साइलेंट किलर स्वीपिंग एक्रॉस इंडिया’ (Diabetes: The Silent Killer Sweeping Across India) नाम की रिपोर्ट में बताया गया की जनवरी 2021 से सितंबर 2025 के बीच 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 40 लाख लोगों को डायबिटीज की शिकायत दर्ज की गई है, इसके अलावा 1.9 करोड़ डायबिटीज दवाओं के ऑर्डर भी मिले हैं। एक्सपर्ट्स की माने तो भारत में इस समस्या के लिए हाई अलर्ट जारी करना चाहिए। आपको बता दें कि हर तीन में से एक शुगर टेस्ट के परिणाम मधुमेह की श्रेणी में आते हैं जबकि चार में से एक व्यक्ति में प्री डायबिटीज के लक्षण देखे गए हैं कुल मिलाकर संकेत यह है कि भारत में लोगों को डायबिटीज एक गंभीर समस्या के रूप में लेना चाहिए और अपने सेहत का ख्याल रखना चाहिए।

इन राज्यों में है डायबिटीज का सबसे ज़्यादा खतरा

डायबिटीज द साइलेंट किलर स्वीपिंग एक्रॉस इंडिया नाम के रिपोर्ट में जेंडर यानी लैंगिक अंतर का भी उल्लेख किया गया है। परीक्षण किए गए 51.9 प्रतिशत पुरुषों और 45.43 प्रतिशत महिलाओं में ब्लड शुगर सामान्य से अधिक पाया गया। आपको बता दें कि पुरुषों में मधुमेह जल्दी विकसित होता है जबकि महिलाओं में मेनोपॉज के बाद यह तेजी से बढ़ता है। इसके अलावा पांडिचेरी में डायबिटीज के सबसे ज्यादा मरीज हैं इसके बाद उड़ीसा, तमिलनाडु, गोवा और हिमाचल प्रदेश भी इस लिस्ट में शामिल है। [Rh]

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