आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) के मुताबिक, योग में ऐसे कई आसन हैं जो घुटनों के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं और उनमें लचीलापन लाते हैं। यह तरीका दवाओं से कहीं अधिक स्थायी राहत दे सकता है।
वृक्षासन: वृक्षासन शरीर के संतुलन को बेहतर करता है और पैरों की मांसपेशियों को मजबूती देता है। इस आसन को करने के लिए आप सीधे खड़े रहें। फिर एक पैर को मोड़कर दूसरे पैर की जांघ पर रखें। इसके बाद दोनों हाथों को सिर के ऊपर जोड़कर नमस्कार की मुद्रा बनाएं। जब आप इस मुद्रा में खड़े होते हैं, तो आपका पूरा वजन एक पैर पर होता है, जिससे घुटनों के आसपास की मांसपेशियों पर काम होता है। यह अभ्यास धीरे-धीरे घुटनों को सहारा देने वाले हिस्से को मजबूत करता है और संतुलन भी सुधारता है।
सेतुबंधासन: सेतुबंधासन पीठ (Bridge Pose Back) के बल लेटकर किया जाता है। इस आसन में आप अपने घुटनों को मोड़कर पैरों को जमीन पर रखते हैं और फिर धीरे-धीरे कूल्हों और कमर को ऊपर उठाते हैं। यह आसन जांघों, पिंडलियों और पीठ की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे घुटनों पर सीधा दबाव कम होता है। इसके नियमित अभ्यास से घुटनों के आसपास के हिस्सों में खिंचाव कम होता है और लचीलापन बढ़ता है।
वीरासन: वीरासन करने के लिए आप अपने घुटनों को मोड़कर एड़ियों के बीच बैठते हैं। यदि यह थोड़ा मुश्किल लगे तो आप बैठने के लिए कोई तकिया या योगा ब्लॉक भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मुद्रा जांघों में खिंचाव लाती है और धीरे-धीरे घुटनों को झुकाने की आदत डालती है, जिससे वे ज्यादा लचीले बनते हैं। यह आसन खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो बहुत देर तक खड़े रहते हैं या जिनके पैरों में अक्सर थकावट बनी रहती है।
बालासन: बालासन बेहद आरामदायक आसन है। इसे करने के लिए आप घुटनों के बल बैठते हैं और फिर झुककर अपनी छाती को जांघों पर टिकाते हैं और माथा जमीन से लगा लेते हैं। यह मुद्रा घुटनों को बिना ज्यादा जोर दिए धीरे-धीरे फैलाती है। अगर किसी बुजुर्ग को ज्यादा झुकने में दिक्कत हो तो वे अपने सिर के नीचे तकिया रख सकते हैं। यह आसन शरीर को रिलैक्स करता है और घुटनों के आसपास के हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है, जिससे सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
[SS]