महिलाओं में अल्जाइमर का जोखिम कम कर सकता है योग : अध्ययन।(Image: Wikimedia Commons) 
स्वास्थ्य

महिलाओं में अल्जाइमर का जोखिम कम कर सकता है योग : अध्ययन

एक अध्ययन(Study) से यह बात सामने आई है कि महिलाओं में होने वाले अल्जाइमर(Alzheimer's Disease) और याददाश्त कम हाेेने जैसेे रोगों को सांसों पर ध्यान केंद्रित करने वाली योग क्रिया(Exercise) के माध्‍यम से ठीक किया जा सकता है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

एक अध्ययन(Study) से यह बात सामने आई है कि महिलाओं में होने वाले अल्जाइमर(Alzheimer's Disease) और याददाश्त कम हाेेने जैसेे रोगों को सांसों पर ध्यान केंद्रित करने वाली योग क्रिया(Exercise) के माध्‍यम से ठीक किया जा सकता है।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय लॉस एंजिल्स (UCLA) के शोधकर्ताओं ने पाया कि जिस प्रकार एमआरआई(MRI) का उपयोग करके मस्तिष्क के क्षेत्रों और उप-क्षेत्रों में गतिविधि को मापा जाता है, उसी तरह 'कुंडलिनी योग' तनाव से प्रभावित मस्तिष्क के एक क्षेत्र में गतिविधि को बढ़ाता है, जिससे याददाश्त तेज होती है।

जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज के ऑनलाइन प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने हिप्पोकैम्पस के उपक्षेत्रों में कनेक्टिविटी पर स्मृति वृद्धि प्रशिक्षण (MET) के दृष्टिकोण की तुलना में योग के प्रभावों का अध्ययन किया, जो सीखने और स्मृति के लिए मस्तिष्क का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। एमईटी उन तकनीकों से याददाश्त सुधारने के लिए मौखिक और दृश्याें का सहारा लेते हैं।

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यूसीएलए में लेट-लाइफ, मूड स्ट्रेस एंड वेलनेस रिसर्च प्रोग्राम के निदेशक, मनोचिकित्सक डॉ. हेलेन लावरेत्स्की ने कहा कि 'कुंडलिनी योग' प्रशिक्षण तनाव से संबंधित हिप्पोकैम्पस कनेक्टिविटी को बेहतर ढंग से लक्षित करता है, जबकि एमईटी हिप्पोकैम्पस के संवेदी-एकीकरण उपक्षेत्रों को बेहतर ढंग से लक्षित कर सकता है, जो बेहतर स्मृति विश्वसनीयता का समर्थन करता है।

अध्ययन में 22 प्रतिभागियों को शामिल किया गया जो अल्जाइमर जोखिम पर योग के प्रभावों का अध्ययन करने वाले एक बड़े स्वतंत्र नियंत्रित परीक्षण का हिस्सा थे। 11 योग प्रतिभागियों की औसत आयु लगभग 61 थी, जबकि एमईटी समूह में यह आयु लगभग 65 रखी गई थी। सभी ने पिछले वर्ष के दौरान याददाश्त में गिरावट की रिपोर्ट की थी। साथ ही उनमें हृदय संबंधी जोखिम था, जो अल्जाइमर रोग के जोखिम को भी बढ़ा सकते हैं।

योग और एमईटी दोनों समूहों में यह सत्र 12 सप्ताह तक चला, प्रत्येक सप्ताह 60 मिनट का व्यक्तिगत प्रशिक्षण सत्र होता था। 'कुंडलिनी योग' प्रशिक्षण को ध्यान रूप क्रिया में समर्थित किया गया था।

निष्कर्षों के आधार पर लेखकों ने कहा कि योग प्रशिक्षण तनाव से प्रभावित हिप्पोकैम्पस उपक्षेत्र कनेक्टिविटी(Hippocampal subfield connectivity) को बेहतर ढंग से लक्षित कर सकता है जो याददाश्त बढ़ाने में मदद कर सकता है।  

लावरेत्स्की(Lavretsky) ने कहा, मुख्य बात यह है कि यह अध्ययन मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए योग के लाभों का समर्थन करने वाले साहित्य में शामिल है, विशेष रूप से यह उन महिलाओं के लिए जिन्हें अधिक तनाव या याददाश्त काम होने की बीमारी है। योग की क्रियाएं वृद्ध व्यस्कों के लिए आदर्श हैं।

अध्ययन से पता चलता है कि योग की इन क्रियाओं से उन महिलाओं को विशेष लाभ हो सकता है जो अक्‍सर तनाव का अनुभव करती हैं।

लेखकों का कहना है कि हिप्पोकैम्पस कनेक्टिविटी(Hippocampal connectivity) और स्मृति पर योग और एमईटी के लाभकारी प्रभावों को स्पष्ट करने के लिए भविष्य में एक बड़े अध्ययन की आवश्यकता होगी।(IANS/RR)

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