खर्राटों के कारण और आसान उपायों से श्वसन मार्ग की सुरक्षा। IANS
जीवन शैली

सिर्फ आवाज नहीं, श्वसन मार्ग की रुकावट का संकेत हैं खर्राटे, कुछ आसान उपायों से मिलेगा आराम

नई दिल्ली, खर्राटे आने की समस्या को साधारण बात समझा जाता है। इसके इलाज के लिए लोग डॉक्टर से संपर्क तक नहीं करते हैं। लोगों के बीच धारणा है कि शारीरिक और मानसिक थकान की वजह से खर्राटे आते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है।

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रात के खर्राटे सिर्फ शोर नहीं, एक संकेत हैं कि सांस का मार्ग अवरुद्ध है। जब श्वसन मार्ग अवरुद्ध होता है तो सांस लेने में परेशानी होती है और फिर खर्राटे की आवाज आती है।

आयुर्वेद (Ayurveda) में खर्राटों को कफ और वात दोष संतुलन से जोड़कर देखा गया है। कफ और वात दोष संतुलन से गहरी नींद आती है और सोने वाले व्यक्ति को आवाज का पता नहीं चलता। खर्राटों के अलावा, सुबह गला सूखने की समस्या या भारीपन की समस्या रहती है, लेकिन कई बार सोते-सोते सांस रुकने की समस्या या सोते समय झटके लगने की समस्या भी देखी गई है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

खर्राटे सोने के तरीके पर भी निर्भर करते हैं। सोते समय किस पोजीशन में सोया जा रहा है, इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है। आयुर्वेद और विज्ञान दोनों ही बाईं तरफ करवट करके सोने की सलाह देते हैं, जिससे खर्राटे कम होते हैं।

अणु का तेल नाक में डालने से भी खर्राटों में कमी होती है। अणु का तेल गले और नाक दोनों का सूखापन कम करेगा और सांस लेते समय परेशानी नहीं होगी और गले की सूजन भी कम होगी। नास्य थेरेपी गहरी नींद लाने में भी सहायक है। इसके अलावा गरारे और भाप लेने से भी राहत मिलेगी। रात को गुनगुने पानी में हल्दी और नमक डालकर गरारे करें। ये गले के संक्रमण और सूजन को कम करेगा और रात के समय ही सोने से पहले भाप भी लें। इससे श्वसन नली को आराम मिलेगा।

शहद (Honey) और अदरक (Ginger) का रस दिन में दो बार लेने से भी आराम मिलेगा। शहद और अदरक का मिश्रण गले को साफ करेगा और गले का सूखापन भी कम होगा। इसके साथ ही रात के समय भारी और तैलीय खाना खाने से भी परहेज करना चाहिए। खर्राटों से राहत पाने के लिए तेल मालिश भी बेहतरीन उपाय है। इसके लिए रात के समय गुनगुने नारियल या सरसों के तेल से गर्दन की मालिश करें। इससे गर्दन के हिस्से में रक्त का संचार अच्छे से होगा।

[AK]

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