शीर्षासन को हेडस्टैंड भी कहा जाता है। यह उन चुनिंदा आसनों में से एक है जो मानव शरीर के सात चक्रों पर सीधा प्रभाव डालते हैं। 'शीर्ष' का अर्थ है 'सिर' और 'आसन' का अर्थ है 'मुद्रा'। यह योग के सबसे प्रतिष्ठित योगासनों में से एक है। इस आसन को करने के लिए व्यक्ति अपने शरीर को सिर और बाजुओं के सहारे उलटा खड़ा करता है।
शीर्षासन करने के लिए हम उलटे होते हैं, तो हमारे हृदय से मस्तिष्क तक ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) संतुलित रहता है। इसका असर त्वचा और बालों पर भी दिखाई देता है, त्वचा में चमक आती है, बालों का झड़ना कम होता है, और कई तरह की त्वचा संबंधित समस्याएं भी धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं।
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट बिछा लें। उस पर घुटनों के बल बैठकर दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाकर जमीन पर रखें, फिर अपने सिर को हथेलियों के बीच रखते हुए धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाकर संतुलन बनाएं। जब आपके शरीर का वजन आपके सिर और बाजुओं पर महसूस होने लगे, तब घुटनों को मोड़कर धीरे से छाती के पास लाएं। यह पहली बार अभ्यास करने वालों के लिए एक अच्छी शुरुआती मुद्रा है।
इस आसन से पाचन तंत्र को काफी फायदा मिलता है। यह आसन पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज, गैस और अपच को दूर करने में मदद करता है।
नियमित शीर्षासन से न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है, मगर इसके अभ्यास से पहले कई सावधानियां रखनी चाहिए और प्रेग्नेंट महिलाओं, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग या क्रोनिक पेन से पीड़ित लोगों को इसे न करने की सलाह दी जाती है।
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