Madhya Pradesh - यह कुंड मंडला जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर है जिसमें हर मौसम में पानी गर्म रहता है। (Wikimedia Commons) 
सैर-सपाटा

यहीं परशुराम ने तपस्या किया था, यहां के कुंड का पानी हमेशा गर्म ही रहता है

यहां का पानी हमेशा गरम रहता है। कहा जाता है यहां नहाने से फोड़े, फुंसी, दाद-खाज, खुजली आदि चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

Madhya Pradesh - कुंड तो आपने कई देखे होंगे उसमें डुबकियां भी लगाई होगी लेकिन क्या आपको ऐसे कुंड के बारे में पता है? जहां पूरे साल गर्म पानी रहता हो? जी हां! मध्य प्रदेश के मंडला जिले के ग्राम बबेहा में एक ऐसा अनोखा कुंड है यह कुंड मंडला जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर है जिसमें हर मौसम में पानी गर्म रहता है। यहां साल भर पर्यटक आते हैं लेकिन इस कुंड का महत्व ठंड के दिनों में बढ़ जाता है यहां देश से लोग इस कुंड में आकर घंटों डुबकी लगाकर नहाते रहते है। मंडला से जबलपुर मार्ग में स्थित ग्राम बबेहा से 2 किलोमीटर दूर घने जंगल के रास्ते पर नर्मदा किनारे ये कुंड स्थित है।

परशुराम से जुड़ी किंवदंति

यहां पर रहने वाले संत बताते हैं कि यह कुंड भगवान परशुराम की तपोस्थली है। यहां पर भगवान परशुराम ने तपस्या कर मां नर्मदा के उत्तर तट पर स्नान किया था। उसके बाद से ही यहां का पानी हमेशा गर्म रहने लगा। संत का कहना है कि यहां पर आकर नहाने से सभी प्रकार के चर्म रोग दूर हो जाते हैं।

कहा जाता है यहां नहाने से फोड़े, फुंसी, दाद-खाज, खुजली आदि चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है। (Wikimedia Commons)

चर्मरोगों से मुक्ति का दावा

गरम पानी का यह कुंड प्रकृति रूप से बड़ा सुंदर दिखाई देता है। तीनों तरफ नर्मदा और बरगी डैम के बैक वॉटर से घिरे इस कुंड में हमेशा बारह महिने पानी गर्म रहता है। इस प्राकृतिक गरम पानी के कुंड में सल्फर की प्रचुर मात्रा है इस वजह से यहां का पानी हमेशा गरम रहता है। कहा जाता है यहां नहाने से फोड़े, फुंसी, दाद-खाज, खुजली आदि चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है।

कुंड का जीर्णोद्धार होने के बाद यह स्थान अब पर्यटन स्थल का रूप ले चुका है। (Wikimedia Commons)

यहां रुकने का कोई इंतजाम नहीं

कुंड का जीर्णोद्धार होने के बाद यह स्थान अब पर्यटन स्थल का रूप ले चुका है। गरम पानी कुंड के साथ ही चारों तरफ हरियाली, घने जंगल हैं प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण, ठंड के मौसम में प्राकृतिक गरम पानी से नहाने का आनंद यहां हर किसी को खींच लाती है। यहां कई लोग पिकनिक मनाते हैं और कई तो स्नान कर चर्मरोगों से मुक्ति पाते हैं। यह स्थल सरकारी और प्रशासनिक उदासीनता का शिकार भी है। पर्यटकों के रुकने के लिए कोई भी इंतजाम नहीं हैं अंधेरा हो जाने पर भी रोशनी का कोई खास व्यवस्था नहीं है इसलिए शाम ढलते ही ये अंधेरे में डूब जाता है यहां के पुजारी सहित बाकी लोग भी इसके कायाकल्प करने की मांग कर रहे हैं।

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