भारत का पहला हिल स्टेशन मसूरी है [Pixabay] 
सैर-सपाटा

भारत का पहला हिल स्टेशन, यदि यह सुनते ही आपके मन में भी आया मनाली का ख्याल तो आप गलत हैं

हिल स्टेशन बनाने के लिए कई सारे नॉर्म्स होते हैं जैसे शहर हर तरह से शोर से मुक्त हो शांति का माहौल हो अच्छी जलवायु हो और चारों तरफ हरियाली हो, यहां आकर व्यक्ति खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से तरोताजा महसूस करें।

Sarita Prasad

जब भी बात हिल स्टेशंस की आती है तो सबसे पहले भारत के कौन से शहर की छवि आपके मन में छपती है? आप में से अधिकतर लोगों का जवाब होगा मनाली लेकिन आपको बता दें की मनाली भारत का पहला हिल स्टेशन नहीं है। तो फिर क्या है भारत का पहला हिल स्टेशन? भारत का पहला हिल स्टेशन मसूरी है जिसे लोग पहाड़ों की रानी कहते हैं। उत्तराखंड की गोद में बसा मसूरी बहुत ही खूबसूरत शहर है ऊंचे पहाड़ चारों तरफ हरियाली और सुहावनी हवाएं मसूरी की खासियत है। यहां लोग गर्मियों में छुट्टियां मनाने आते हैं अगर आप अक्सर ही हिल स्टेशन घूमने जाते हैं तो क्या आपने कभी सोचा है कि हिल स्टेशन क्यों बनाए गए और उनका इतिहास क्या है नहीं ना तो चलिए आज हम आपको इन्हीं स्टेशन से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताते हैं

किसकी देन है ये हिल्स स्टेशन

आपको बता दें कि भारत में हिल स्टेशन अंग्रेजों की देन है गर्मियों में अंग्रेज लोग पूरे परिवार के साथ यहां ठहरने आते थे उन्होंने पैसे कमाने और अपना बिजनेस शुरू करने के मकसद से यहां छोटे बड़े कई तरह के रिसोर्ट भी बनवाए थे। हम अक्सर अंग्रेजों की आलोचना करते हैं हालांकि उन्होंने अपने फायदे के लिए ही इसे बनवाया था लेकिन आज 21वीं सदी में हम भी तो इसका लुफ्त उठा रहे हैं। 

आपको बता दें कि भारत में हिल स्टेशन अंग्रेजों की देन है [Pixabay]

मसूरी कब बना हिल स्टेशन

मसूरी से जुड़ी एक रोचक बात यह है कि 1828 में ही मसूरी एक हिल स्टेशन बन गया था। वैसे तो किसी शहर को हिल स्टेशन बनाने के लिए कई सारे नॉर्म्स होते हैं जैसे शहर हर तरह से शोर शराबी से मुक्त हो शांति का माहौल हो अच्छी जलवायु हो और चारों तरफ हरियाली हो, यहां आकर व्यक्ति खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से तरोताजा महसूस करें। मसूरी शहर में यह सारी खूबियां थी इसलिए अंग्रेजों ने 1823 में इसे हिल स्टेशन बना दिया था। आज से करीब 100 साल पहले पूरे भारत में पहाड़ी पहाड़ थे शहर बहुत कम बसे थे भारत की ज्यादातर आबादी भी गांव में रहती थी तब यहां ब्रिटिशर्स का वर्चस्व था वही हिल स्टेशन का कॉन्सेप्ट लेकर आए। 19वीं सदी में उन्होंने गर्मी से बचने के लिए हिल स्टेशन की स्थापना की कहते हैं कि ब्रिटिशर्स ने 1820 में मसूरी में जमीन खरीद ली थी इसके बाद ही हिल स्टेशन बनाने का सिलसिला शुरू हुआ जो 1823 तक चला और पूर्ण हुआ। 

मसूरी को पहाड़ों की रानी नहीं कहा जाता [Pixabay]

क्यों है मसूरी इतना ख़ास

यूं ही मसूरी को पहाड़ों की रानी नहीं कहा जाता जरूर इसके पीछे कोई कारण होगा। आपको बता दे कि यहां पर्यटकों के घूमने के लिए काफी जगह है। केंपटी फॉल नाग तिब्बा मसूरी लेक जैसी कई जगह है जो फेमस है। इन जगहों की खूबसूरती के कारण ही हर साल हजारों लोग यहां घूमने आते हैं गर्मियों के दिनों में या हिल स्टेशन भारत वासियों के लिए किसी जन्नत से काम नहीं होता। इन दिनों में यहां का मौसम भी बहुत सुहावना रहता है अगर आपको बर्फ पसंद है तो यहां का स्नोफॉल देखने लायक होता है। वहीं सर्दियों के दिनों में यहां बर्फबारी देख सकते हैं कई न्यूली वेड्स कपल भी यहां की खूबसूरत वादियों में पहुंचते हैं। 

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