बेंगलूरु कपल: एक ऐसा कपल जिसने समोसे के लिए छोड़ दी अपनी नौकरी, जानिए उनकी कहानी(Twitter)

 
ज़रा हट के

बेंगलूरु कपल: एक ऐसा कपल जिसने समोसे के लिए छोड़ दी अपनी नौकरी, जानिए उनकी कहानी

इसी समोसे के पीछे एक कपल ने अपनी लाखों की नौकरी छोड़ दी। आज वह अपनी नौकरी से भी ज़्यादा कमा रहे हैं, जानिए उनकी कहानी।

न्यूज़ग्राम डेस्क, Vishakha Singh

न्यूज़ग्राम हिंदी: समोसा, भारत में हर नुक्कड़ और गली में मिलने वाला सबसे आम लेकिन सबसे ज्यादा खास नाश्ता है। इसी समोसे के पीछे एक कपल ने अपनी लाखों की नौकरी छोड़ दी। बेंगलुरु के कपल निधि सिंह और उनके पति शिखर सिंह ने समोसे बेचने का फैसला किया और नौकरी छोड़ दी। आज वह अपनी नौकरी से भी ज़्यादा कमा रहे हैं, जानिए उनकी कहानी।

दोनों को शादी किए पांच साल हो गए हैं। उनकी मुलाकात हरियाणा में बायोटेक्नोलॉजी में बीटेक के दौरान हुई। शिखर ने हैदराबाद से मेटेक किया और बायोकॉन में प्रिंसिपल साइंटिस्ट के रूप में काम कर रहे थे। निधि गुरुग्राम की एक कंपनी में 30 रुपए की सैलरी पर कार्यरत थीं। 2015 में दोनों ने खुद का कुछ करने का ठाना और समोसा बेचने का स्टार्टअप शुरू करने का प्लान किया। दोनों ने अपनी बचत को इसमें लगाया और एक बड़े किचन की ज़रूरत को पूरा करने के लिए अपना अपार्टमेंट तक बेच डाला। इसके बाद उन्होंने बेंगलुरू में एक फैक्ट्री किराए पर ली।

यह बिजनेस आइडिया शिखर का था। वह चाहते थे कि एसबीआई बैंक(SBI Bank) के पास समोसे बेचे हालांकि ऐसा हो ना सका। बाद में एक फूड कोर्ट में एक इंसान को समोसे के लिए रोते देख उन्हें समझ आया कि भारत का सबसे पसंदीदा नाश्ता क्या है। इसके बाद उन्होंने समोसे बेचने का स्टार्टअप शुरू करने का फैसला किया। नतीजा बेंगलुरु में समोसा सिंह(Samosa Singh) नाम से उनकी समोसे की दुकान है जो अब लाखों का बिजनेस कर रही है। 2015 में शुरू हुए अपने इस स्टार्टअप से एक दोनों प्रतिदिन लाखों कमा रहे हैं। इसके पूरे देश में 40 से ज़्यादा स्टोर्स हैं और अब दोनों इसे और बढ़ाने की प्लानिंग में लगे हैं।

VS

एक Sparrow Man की कहानी, जिनकी मेहनत से बचा हजारों गोरैयों का परिवार!

भगवान जगन्नाथ का रथ खींचती हैं जो रस्सियाँ, उनके पीछे छिपा है एक आदिवासी समाज!

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह