न्यूजग्राम हिंदी: जन औषधि दिवस (Jan Aushadhi Diwas) के अवसर पर रेलवे ने 'जन औषधि ट्रेन (Jan Aushadhi Train)' चलाई। इसे दिल्ली (Delhi) के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन (Hazrat Nizamuddin Railway Station) से शुक्रवार शाम हरी झंड़ी दिखाकर छत्तीसगढ़ के लिए रवाना किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा शुक्रवार शाम 5.55 बजे जन औषधि की ब्रांडिंग के साथ छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से दुर्ग, छत्तीसगढ़) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। ये ट्रेन जिस स्टेशन और सेक्शन से गुजरेगी उस पर व्यक्ति का ध्यान आकर्षित करेगी। दिल्ली से छत्तीसगढ़ जन औषधि ट्रेन के अलावा एक अन्य ट्रेन पुणे से दानापुर भी चलाई जा रही है।
छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति ट्रेन को इसके लिए विनाइल रैप किया गया है। हजरत निजामुद्दीन से दुर्ग तक की अपनी 1,278 किलोमीटर लंबी यात्रा में यह ट्रेन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य से भिन्न होती है, और वी. लक्ष्मीबाई, सौगोर, कटनी मुरवारा, उमरिया, शाहडोल, अनूपपुर जंक्शन, पेंड्रा रोड, बिलासपुर जंक्शन, भाटापारा , रायपुर जंक्शन, दुर्ग सहित 184 स्टेशन से होते हुए निकलेगी। रेलवे के अनुसार यह ट्रेन सरकार द्वारा सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराई गई गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाओं के बारे में लोगों को शिक्षित करेगी और उनमें जागरूकता लाएगी। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि गुणवत्तापूर्ण दवाएं समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे।
भारतीय रेलवे
जन औषधि ट्रेन यह जागरूकता पैदा करेगा कि गुणवत्ता वाली दवाओं की कीमत हमेशा अधिक नहीं हो सकती है। यह अभियान आम व्यक्तियों द्वारा जन औषधि केंद्र खोलकर रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। जन औषधि के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रत्येक वर्ष 7 मार्च को जन औषधि दिवस मनाया जाता है। इस बार भी देश में 5वां जन औषधि दिवस मनाया जाएगा। इसी क्रम में 1 मार्च से 7 मार्च तक पूरे देश में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस बार का थीम जन औषधि सस्ती भी अच्छी भी रखा गया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस साल के आखिर तक देश भर में 10 हजार प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल, देशभर में 9 हजार से अधिक जन औषधि केंद्र मौजूद हैं, जहां करीब 1,800 दवाइयां और करीब 300 सर्जिकल उपकरण किफायती दरों पर मिलते हैं। ब्रांडेड दवाओं के औसत बाजार मूल्य से 80-90 फीसदी तक सस्ती हैं और इससे पिछले 8 वर्षों में नागरिकों को लगभग 20,000 करोड़ रुपये की अनुमानित बचत हुई है।
आईएएनएस/PT