हबीब तनवीर और अनुपम मिश्र के नाम पर छत्तीसगढ़ सरकार देगी पुरस्कार
हबीब तनवीर और अनुपम मिश्र के नाम पर छत्तीसगढ़ सरकार देगी पुरस्कार  wikimedia
कला

छत्तीसगढ़ सरकार हबीब तनवीर और अनुपम मिश्र के नाम पर देगी पुरस्कार

न्यूज़ग्राम डेस्क

छत्तीसगढ़ सरकार देश के ख्याति नाम रंगकर्मी, नाटककार और निर्देशक हबीब तनवीर (Habib Tanvir) तथा साहित्यकार व पर्यावरणविद् अनुपम मिश्र (Anupam Mishra) के नाम से पुरस्कार देगी। गौरतलब है कि प्रसिद्ध रंगकर्मी, नाटककार और निर्देशक स्वर्गीय हबीब तनवीर का छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से गहरा नाता रहा है। उनका जन्म 1 सितम्बर 1923 को रायपुर में हुआ था। हबीब तनवीर शिक्षा हासिल करने के बाद 1945 में मुंबई चले गए और प्रोड्यूसर के तौर पर आकाशवाणी में नौकरी शुरू की। वहां रहते हुए उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिए गाने लिखे।

कुछ फिल्मों में अभिनय भी किया। कई नाटकों की रचना की। हबीब तनवीर को कई अवॉर्ड एवं वर्ष 2002 में पद्म विभूषण सम्मान मिला। वे 1972 से 1978 तक राज्यसभा सांसद भी रहे। उनका नाटक चरणदास चोर, एडिनवर्ग इंटरनेशनल ड्रामा फेस्टीवल (1982) में पुरस्कृत होने वाला पहला भारतीय नाटक था। उनकी प्रमुख कृतियों में आगरा बाजार (1954), चरणदास चोर (1975) शामिल है।

लेखक, अनुपम मिश्र



जाने माने लेखक, संपादक, छायाकार और गांधीवादी पर्यावरणविद् अनुपम मिश्र का जन्म महाराष्ट्र के वर्धा में सरला मिश्र और प्रसिद्ध हिन्दी कवि भवानी प्रसाद मिश्र के यहां सन 1948 में हुआ। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से 1969 में संस्कृत से स्नातकोत्तर किया। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद वो दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान से जुड़ गए। पर्यावरण के लिए वह तब से काम कर रहे थे, जब से देश में पर्यावरण का कोई विभाग नहीं खुला था। उनकी कोशिश से सूखाग्रस्त अलवर में जल संरक्षण का काम शुरू हुआ जिसे दुनिया ने देखा और सराहा। उन्हें वर्ष 2007-2008 में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चंद्रशेखर आजाद राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 2011 में उन्हें देश के प्रतिष्ठित जमनालाल बजाज पुरस्कार से नवाजा गया। वर्ष 1996 में इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

(आईएएनएस/HS)

कहावतों में सुनते आ रहे हैं “तीस मार खान”, जानिए असल में कौन हैं ये?

चुनाव आयोग ने तेलंगाना राज्य में बदल दिया मतदान का समय, अब कड़ी धूप से बच सकेंगे मतदाता

रहस्यों से भरा है केदारेश्‍वर गुफा मंदिर, केवल एक स्तंभ पर है खड़ा

मई में कब है मोहिनी एकादशी? इस दिन व्रत रखने से सदा बनी रहती है श्री हरि की कृपा

ताजमहल को चमकाने में लग जाते हैं करोड़ों रुपए, एक खास तरीका का किया जाता है इस्तेमाल