<div class="paragraphs"><p>सूर्यकांत त्रिपाठी निराला "हिंदी के महाप्राण" (Wikimedia)</p></div>

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला "हिंदी के महाप्राण" (Wikimedia)

 

Birthday Special

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Birthday Special: सूर्यकांत त्रिपाठी निराला "हिंदी के महाप्राण"

न्यूज़ग्राम डेस्क, Poornima Tyagi

न्यूजग्राम हिंदी: सूर्यकांत त्रिपाठी निराला (Suryakant Tripathi Nirala) का जन्म 21 फरवरी को हुआ था। लेकिन उनका जन्म वसंत पंचमी के दिन हुआ था, इसी कारण से उन्होंने अपना जन्मदिन वसंत पंचमी (Vasant Panchmi) के दिन मनाना शुरू कर दिया था।

हिंदी साहित्य को एक नई पहचान देने वाले कवियों के रूप में निराला का नाम भी सबसे पहले लिया जाता है। निराला द्वारा लिखे गए संस्मरण से यह बात पता चलती है कि निराला साहित्य के साथ ही गणित से भी लगाव रखते थे।

महामानव निराला में डॉक्टर शिव गोपाल मिश्र (Dr. Shivgopal Mishr) जो विज्ञान परिषद के प्रधानमंत्री थे ने लिखा है कि 1950 में उनकी निराला जी से पहली बार मुलाकात हुई थी। वह कहते हैं कि मैं साइंस का एक छात्र था एक बार जब मैं दारागंज में निराला जी से मिलने पहुंचा तो उन्होंने मुझसे गणित की पुस्तक लेकर आने को कहा इसके बाद निराला जी ने मुझे कहा कि ज्यामिति के तरीके से किसी गड्ढे का आयतन निकालकर दिखाओ। बसंत पंचमी के दिन निराला जी के भीतर एक बच्चा देखने को मिलता था निराला का जन्मदिन पंडित श्री नारायण चतुर्वेदी यानी कि भैया साहब की बगिया में मनाया जाता था।

कवि विवेक निराला (Vivek Nirala) जो निराला जी के प्रपौत्र है बताते हैं कि डॉ धर्मवीर भारती ने अपने एक संस्मरण में बताया है कि एक बार की बात है जब धर्मवीर भारती और गंगा प्रसाद पांडे बसंत पंचमी को निराला जी का जन्मदिन मनाने साहित्यकार संसद रसूलाबाद पहुंच गए थे। वहां पर निराला जी ने जब धर्मवीर भारती से उनका परिचय पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्होंने इसी वर्ष यूनिवर्सिटी में हिंदी के अध्यापक के रूप में ज्वाइन किया है। इसके बाद में निराला जी ने तुरंत कहा कि जब आप गणित नहीं जानते तो आप हिंदी कैसे पढ़ाएंगे? यदि आप गणित सीखते हैं तो आप हिंदी खुद सीख जाएंगे।

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