ASI will remove 18 Monuments : राष्ट्रीय महत्व की सूची से हटाए जाने पर ऐतिहासिक स्मारकों के रखरखाव के लिए ASI जिम्मेदार नहीं रहता है।(Wikimedia Commons) 
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ASI अब छोड़ रहा है इन 18 स्मारकों की जिम्मेदारी, लिस्ट जारी कर दी गई ये सूचना

जिन स्मारकों को राष्ट्रीय महत्व की लिस्ट में रखा जाता है, उनके रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है। ऐसे संरक्षित जगहों पर कंस्ट्रकशन करना भी गैर-कानूनी होता है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

ASI will remove 18 Monuments : 8 मार्च, 2024 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI ने 18 स्मारकों और प्राचीन स्थलों की लिस्ट जारी की है ये सभी अपना राष्ट्रीय महत्व खो चुके हैं। आपको बता दें कि आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का प्रमुख काम राष्ट्रीय महत्व के प्राचीन स्मारकों और पुरातत्वीय स्थलों का रखरखाव करना है। एनशियेन्ट एंड हिस्टोरिकल मान्यूमेन्ट्स एंड आर्केलॉजिकल साइट्स एंड रिमेन्स (डिक्लेरेशन आफ नेशनल इम्पोर्टेंस) एक्ट, 1951 या राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के जरिए किसी स्मारक का राष्ट्रीय महत्व होना घोषित किया जा सकता है। ऐसे में राष्ट्रीय महत्व की सूची से हटाए जाने पर ऐतिहासिक स्मारकों के रखरखाव के लिए ASI जिम्मेदार नहीं रहता है।

संरक्षित जगहों पर गैर-कानूनी है कंस्ट्रकशन

जिन स्मारकों को राष्ट्रीय महत्व की लिस्ट में रखा जाता है, उनके रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है। ऐसे संरक्षित जगहों पर कंस्ट्रकशन करना भी गैर-कानूनी होता है। यदि कोई संरक्षित स्मारक को तोड़ने, खराब करने या खतरे में डालता है तो उस पर कानून कार्रवाई की जा सकती है और अपराध सिद्ध होने पर कानून के तहत उस आरोपी को जेल या जुर्माना या दोनों से सजा देने का प्रावधान है।

आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का प्रमुख काम राष्ट्रीय महत्व के प्राचीन स्मारकों और पुरातत्वीय स्थलों का रखरखाव करना है।(Wikimedia Commons)

कौन - कौन हुआ इस लिस्ट से बाहर

(1) उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के भारंली गंगा तिर में वट वृक्ष स्थित प्राचीन स्मारक के अवशेष, (2) उत्तर प्रदेश के बांदा शहर का बंद कब्रिस्तान और कटरा नाका, (3)उत्तर प्रदेश के झांसी के रंगून का बंदूकची बुर्किल की कब्र, (4) उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर के गौघाट का कब्रिस्तान, (5) लखनऊ के जहरीला रोड़ पर 6 से 8 मील पर स्थित कब्रिस्तान, (6) लखनऊ-फैजाबाद रोड़ पर 3, 4 और 5 मील पर स्थित मकबरें, (7) उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के अहुगी में एक हजार ईसवीं के तीन छोटे लिंग मंदिर परिधि के अवशेष, (8) वाराणसी का तेलिया नाला बौद्ध खंडहर, निर्जन गांव का हिस्सा, (9) वाराणसी के कोषागार भवन में मौजूद तख्ती पट्ट (टेबलेट), (10) उत्तराखंड में अल्मोड़ा के द्वाराहाट का कुटुम्बरी क्षेत्र नालिस, (11) राजस्थान के जयपुर जिले के नगर स्थित किले के भीतर का अभिलेख, (12) राजस्थान के कोटा जिले का बारन स्थित 12वीं सदी का मंदिर, (13) अरुणाचल प्रदेश के लखीमपुर जिले का सादिया के पास का ताम्र मंदिर, (14) हरियाणा के गुरुग्राम जिले का कोस मिनार संख्या 13, (15) हरियाणा के करनाल जिले का कोस मिनार, (16) मध्य प्रदेश के सतना जिले के बछौन किले के भीतर का शैल अभिलेख, (17) दिल्ली के इम्पीरियल सिटी का बारा खंबा कब्रगाह, (18) दिल्ली के कोटला मुबारकपुर का इंचला वाली गुमटी।

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