Child Pornography:चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए बच्चों का इस्तेमाल भी बेहद कड़ा अपराध है।(Wikimedia Commons)
Child Pornography:चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए बच्चों का इस्तेमाल भी बेहद कड़ा अपराध है।(Wikimedia Commons) 
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गैरकानूनी है चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना, जानिए क्या होता है चाइल्ड पोर्नोग्राफी

न्यूज़ग्राम डेस्क

Child Pornography : 11 जनवरी को मद्रास हाई कोर्ट ने एक फैसले में चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने को अपराध न मानते हुए आरोपी को बरी कर दिया। हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ एक एनजीओ ने एससी में याचिका लगाई थी। इसमें यह कहा गया कि अदालतों के ऐसे फैसले चाइल्ड पोर्न को बढ़ावा देंगे। आरोपी पर बच्चों से जुड़ा पोर्न देखने के आरोप में पॉक्सो और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। हाई कोर्ट ने केस को ये कहते हुऐ रद्द कर दिया कि आरोपी को पोर्नोग्राफी देखने की लत थी, लेकिन उसने पहले कभी चाइल्ड पोर्न नहीं देखी थी, उसने डाउनलोड किया हुआ वीडियो किसी और से शेयर नहीं किया और न किसी और को अपने साथ दिखाया। ऐसे लोगों को सजा देने की बजाए उन्हें एजुकेट करना चाहिए।

क्या होता है चाइल्ड पोर्नोग्राफी

18 वर्ष के कम उम्र के नाबालिक को यौन संबंध बनाते हुए दिखाना या उससे किसी भी तरह जुड़ा हुआ दिखाना चाइल्ड पोर्नोग्राफी के दायरे में आता है। बच्चों के न्यूड कंटेंट को किसी भी फॉर्मेट में, फिल्म या तस्वीर में तैयार करना ही चाइल्ड पोर्न है।

16 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ पेनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट का दोषी पाया जाए तो उसे उम्रकैद तक हो सकती है। (Wikimedia Commons)

बच्चों पर यौन अपराध रोकने के लिए कानून

चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए बच्चों का इस्तेमाल भी बेहद कड़ा अपराध है। पॉक्सो यानी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट के तहत माइनर से यौन संबंध बनाना अपराध है यदि कोई 16 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ पेनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट का दोषी पाया जाए तो उसे उम्रकैद तक हो सकती है।

कोई व्यक्ति किसी बच्चे का इस्तेमाल पोर्नोग्राफी के लिए करे तो उसे 5 साल और दूसरी बार में दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा हो सकती है और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। अगर कोई शख्स बच्चों से जुड़ी पोर्नोग्राफी को शेयर करे, तो उसे 3 साल का जेल हो सकता है।

एडल्ट पोर्नोग्राफी पर क्या हैं नियम

साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया कि निजी स्पेस में पोर्न देखना गलत नहीं है। अपने कमरे में पोर्न देखना व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के तहत आ सकता है। परंतु अगर यही काम कोई पब्लिक स्पेस पर कर रहा हो, तो यह गलत है इसके साथ ही महिलाओं के साथ रेप या यौन हिंसा से जुड़ा अश्लील कंटेंट देखना या उसे डाउनलोड करना भी क्राइम है।

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