Indian Railway : सामान्‍यतया ब्रेक हर प‍ह‍िये में होता है, जो पहले से आख‍िरी डिब्‍बे तक लगी होती है । (Wikimedia Commons) 
अन्य

इमरजेंसी ब्रेक लगाते ही पटरी से उतर जाती है ट्रेन, जानिए कैसे लगाया जाता है ये ब्रेक

न्यूज़ग्राम डेस्क

Indian Railway : रेल हादसों के बाद आपने जरूर सुना होगा क‍ि ट्रेन के ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया और ट्रेन फ‍िसलकर पटरी से उतर गई। लेकिन क्‍या सच में ऐसा होता है? क्‍या सच में इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बाद ट्रेन पटरी से उतर जाती है? यदि ऐसा है तो फ‍िर इमरजेंसी ब्रेक लगाया ही क्‍यों जाता है? लेकिन एक इंजीनियर ने इसका जवाब दिया कि आम लोगों में यह गलत धारणा है कि इमरजेंसी ब्रेक मारने से ट्रेन पटरी से उतर जाती है। तो आइए समझते हैं क्या है ट्रेन रोकने का पूरा सिस्‍टम ?

ट्रेन रोकने के सिस्‍टम में दो भाग हैं। पहला, सामान्‍यतया ब्रेक हर प‍ह‍िये में होता है, जो पहले से आख‍िरी डिब्‍बे तक लगी होती है। इसमें कुछ समय लगता है। इसके साथ ही, ब्रेक के सिलेंडर में हवा का दबाव जब उच्‍चतम हो जाता है, तो ब्रेक लगता है। दूसरा, ब्रेक लगाने के बाद भी कुछ समय लगता है।

कैसे लगाया जाता है इमरजेंसी ब्रेक ?

इमरजेंसी ब्रेक लगाते समय हर डिब्‍बे में लगे पह‍ियों पर ब्रेक‍िंंग फोर्स ज्‍यादा होता है और एक जैसा रहता है अर्थात् हर पह‍िये पर ब्रेक का दबाव एक बराबर होता है। इसल‍िए ट्रेन तुरंत रुक जाती है। रेल मंत्रालय द्वारा प्रकाशित एल एच बी मेंटेनेंस मैन्युअल के अनुसार, इमरजेंसी ब्रेक में ट्रेन के फिसलने या पटरी से उतरने की कोई संभावना नहीं होती।

सामान्य ब्रेकिंग में पहले डिब्बे से 24वें ड‍िब्बे तक सिग्नल पहुंचने में 10 सेकंड लगते हैं तो इमरजेंसी ब्रेक में सिर्फ 4 सेकंड लगेगा। (Wikimedia Commons)

कम दूरी में क्यों रुक जाती है?

इमरजेंसी ब्रेक लगाने से ट्रेन कम दूरी में रुक जाती है। ऐसा इसलिए होता है जब ड्राइवर ब्रेक लगाता है तो सिग्नल इंजन से पहले ड‍िब्बे में पहुंचता है, फिर दूसरे, तीसरे से होते हुए आख‍िरी डिब्‍बे तक जाता है। यदि सामान्य ब्रेकिंग में पहले डिब्बे से 24वें ड‍िब्बे तक सिग्नल पहुंचने में 10 सेकंड लगते हैं तो इमरजेंसी ब्रेक में सिर्फ 4 सेकंड लगेगा। यदि ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड में चल रही है तो इमरजेंसी ब्रेक लगाने पर यह लगभग 260 मीटर पहले रुक जाएगी।

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) के अध्यक्ष डॉ. मुनीश रायज़ादा ने शहर में प्रदूषण के मुद्दे को हल करने में विफलता के लिए आप सरकार को ठहराया जिम्मेदार।

भारतीय लिबरल पार्टी (BLP) ने एंटी करप्शन कमीशन (एसीसी) की स्थापना को मुख्य चुनावी वादा बनाया

BLP अध्यक्ष डॉ. मुनीश रायज़ादा ने दिल्ली के उपराज्यपाल को तिहाड़ जेल में गुंडों के बोलबाले पर लिखा पत्र

राजनीतिक महिषासुरों का वध कौन करेगा?, BLP अध्यक्ष डॉ. रायज़ादा ने पूछा सवाल

"महात्मा गांधी के विचार और सिद्धांत आज पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं": बीएलपी अध्यक्ष डॉ.रायज़ादा।