International Court of Justice :इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस संयुक्त राष्ट्र का ही एक हिस्सा है (Wikimedia Commons) 
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इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस कैसे करता है काम? सभी देश करते हैं इनके निर्णय का पालन

न्यूज़ग्राम डेस्क

International Court of Justice : इजरायल के खिलाफ सुनवाई को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस आजकल काफी चर्चा में है। आपको बता दें दक्षिण अफ्रीका ने आईसीजे में इजरायल के खिलाफ पीटिशन दाखिल की है। आईसीजे ने गाजा के दक्षिणी शहर रफह में इजरायल के सैन्य अभियान को रोकने के लिए दक्षिण अफ्रीका की पीटिशन पर गुरुवार को सुनवाई शुरू की। दक्षिण अफ्रीका ने यह आरोप लगाया है कि गाजा में हमास के विरुद्ध किए गए युद्ध में इजरायल की सैन्य कार्रवाई नरसंहार के समान है और साथ ही आईसीजे से आपातकालीन उपाय अपनाने का अनुरोध किया है। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के बारे में कुछ दिलचस्प बातें।

यूएन का है हिस्सा

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस संयुक्त राष्ट्र का ही एक हिस्सा है और इसकी स्थापना 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा की गई थी और इसने अप्रैल 1946 में काम करना शुरू किया था। इसका मुख्य काम देशों के बीच कानूनी विवादों को निपटाना है। इसके अलावा आईसीजे का काम संयुक्त राष्ट्र और इसकी विशेष एजेंसियों द्वारा संदर्भित कानूनी सवालों पर सलाह देना भी है। इसे विश्व न्यायालय के तौर पर भी जाना जाता है। इसका मुख्यालय नीदरलैंड्स के हेग में स्थित है और इसके फैसले बाध्यकारी और अंतिम हैं। आईसीजे की आधिकारिक कामकाजी भाषाएं अंग्रेजी और फ्रेंच हैं।

इसका मुख्यालय नीदरलैंड्स के हेग में स्थित है और इसके फैसले बाध्यकारी और अंतिम हैं। (Wikimedia Commons)

इस कोर्ट में होते हैं 15 न्यायाधीश

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में 15 न्यायाधीश होते हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद द्वारा नौ साल के लिए चुना जाता है। ये दोनों निकाय एक समय पर, लेकिन अलग-अलग मतदान करते हैं। निर्वाचित होने के लिए किसी उम्मीदवार को दोनों निकायों में पूर्ण बहुमत प्राप्त होना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए न्यायालय की कुल संख्या के एक-तिहाई सदस्य हर तीन साल में चुने जाते हैं। एक न्यायाधीश को फिर से निर्वाचित किया जा सकता है, लेकिन वह दो कार्यकाल से अधिक की सेवा नहीं कर सकता।

कैसे करता है काम

आईसीजे का काम है विवादास्पद मामलों को निपटाना और सलाहकार क्षेत्राधिकार। विवादास्पद क्षेत्राधिकार उन देशों के बीच विवादों से संबंधित हैं, जिन्होंने आईसीजे के अधिकार क्षेत्र को सहमति दी है। सलाहकार क्षेत्राधिकार संयुक्त राष्ट्र महासभा, सुरक्षा परिषद या संयुक्त राष्ट्र की विशेष एंजेसियों द्व्रारा आईसीजे को संदर्भित कानूनी प्रश्नों से संबंधित है। आईसीजे के फैसले केवल विवादास्पद क्षेत्राधिकार के मामलों में बाध्यकारी होते हैं।

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