Mushroom Farming - हरदोई के एक युवक ने एक किसान के पास रहकर मशरूम के खेत में काम किया और वापस अपने गांव जाकर छोटे से एक भाग में मशरूम की खेती शुरू कर दी। (Wikimedia Commons)
Mushroom Farming - हरदोई के एक युवक ने एक किसान के पास रहकर मशरूम के खेत में काम किया और वापस अपने गांव जाकर छोटे से एक भाग में मशरूम की खेती शुरू कर दी। (Wikimedia Commons) 
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हरियाणा से सिख कर गांव में शुरू की खेती, अब 22 लोगों को देते है रोजगार

न्यूज़ग्राम डेस्क

Mushroom Farming - हरदोई के एक युवक ने पहले तो हरियाणा में एक किसान के पास रहकर मशरूम के खेत में काम किया और वापस अपने गांव जाकर छोटे से एक भाग में मशरूम की खेती शुरू कर दी। खेत में एक चेंबर बनाकर उसमें कंपोस्ट खाद कर उसे उपजाऊ बनाया और हरियाणा से लाए हुए बीज को डालकर मशरूम की खेती शुरू की।

हरदोई के रहने वाले किसान दर्वेश हरियाणा में रहकर 9000 की नौकरी करता था। दर्वेश नौकरी छोड़कर वापस हरदोई आया और मशरूम की खेती करने का सोचा और संसाधन और पैसों की कमी के चलते उसने अपनी पत्नी के जेवर को गिरवी रखे। फिर उससे मिले पैसों से मशरूम की खेती शुरू की। दर्वेश ने सितंबर में गांव में कंपोस्ट खाद्य तैयार किया और अक्टूबर में चेंबर बनाकर तैयार हो गया। संसाधनों का अभाव था जिसके चलते अधिकतर कार्य जुगाड़ से पूरे किए।

मशरूम की खेती करने वाले दर्वेश ने कहा कि मशरूम उगाने के लिए तापमान को मेंटेन रखना बहुत जरूरी है। (Wikimedia Commons)

गांव के लोगों को भी खुद के साथ जोड़ा

दर्वेश बताते हैं कि उनके द्वारा सब तैयार करने के बाद हरियाणा से लाई बीज को डाला। इसके बाद दिसंबर महीने में मशरूम निकलने लगे। दुर्वेश द्वारा अपने ही गांव के 22 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया गया है। दर्वेश ने गांव के लोगों को मशरूम बेचने के कार्य पर लगाया है जिससे उन्हें प्रतिदिन लगभग ₹300 की बचत हो जाती है।

दर्वेश बताते है कि पहले गांव के लोग उनका मजाक बनाते थे। लेकिन अब वही लोग उन्हें शाबाशी दे रहे हैं। मशरूम की खेती करने वाले दर्वेश ने कहा कि मशरूम उगाने के लिए तापमान को मेंटेन रखना बहुत जरूरी है। बिना तापमान मेंटेन रहे मशरूम की खेती नहीं की जा सकती है।

सरकार लगातार किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहन देने का कार्य कर रही है। (Wikimedia Commons)

सरकार योजना से आगे बढ़ने की कोशिश

दर्वेश मशरूम की खेती के कार्य को और आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन उसके लिए उन्हें पैसों की जरूरत है। दर्वेश कहते हैं कि अगर उन्हें कहीं से ऋण मिल जाए तो वह आगे इस खेती को बढ़ाएंगे। उपनिदेशक कृषि डॉ नंदकिशोर ने बताया कि दर्वेश का पूरा सहयोग किया जाएगा। आवेदन करने पर उसे सरकारी योजना में ऋण दिलाने का पूरा प्रयास भी किया जाएगा। सरकार लगातार किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहन देने का कार्य कर रही है।

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