Pink Fairy Armadillo : इसे ‘पिचिसिगो’ के नाम से भी जाना जाता है। (Wikimedia Commons)
Pink Fairy Armadillo : इसे ‘पिचिसिगो’ के नाम से भी जाना जाता है। (Wikimedia Commons) 
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बेहद प्यारा है यह जीव, गुलाबी रंग का छोटा सा यह जीव की जानें खूबियां

न्यूज़ग्राम डेस्क

Pink Fairy Armadillo : पिंक फेयरी आर्मडिलो देखने में बहुत ही प्यारा जीव है, जिसके शरीर पर अजीबोगरीब त्वचा होती है, जो इसे अन्य जानवरों से काफी अलग बनाती हैं। ये आर्मडिलो की सबसे छोटी प्रजाति है। इसे ‘पिचिसिगो’ के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि यह रेगिस्तानी इलाकों में भी रह सकता है। ये जीव का आकार इतना छोटा है की आप आसानी से इसे अपने हाथ में समा सकते है। आज हम आपको इस अनोखे जीव की खूबियां बताएंगे।

लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, पिंक फेयरी आर्मडिलो आकार में मात्र 6 इंच यानी 15 सेंटीमीटर लंबे होते हैं। इनका वजन 3.5 औंस 100 ग्राम होता है। इनके शरीर पर अजीब दोहरी स्किन पाई जाती है, जो इसका सुरक्षात्मक कवच के रूप में भी काम करते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि इसके शरीर पर लाखों साल पहले इस तरह की अजीब दोहरी स्किन विकसित हुई थी, क्योंकि जलवायु के अधिक शुष्क होने की वजह से ये जमीन के नीचे रहने लग गए थे।

रेत तैराक के नाम से भी जाने जाते है

a-z-animals.com की रिपोर्ट के अनुसार, पिंक फेयरी आर्मडिलो रेतीले मैदानों, टीलों और झाड़ीदार घास के मैदानों में रहती है। यह अपना अधिकांश समय जमीन के नीचे ही रहकर, अपने बड़े पंजों से खोदे गए बिलों में रहकर बिताता है। इन्हें ‘रेत तैराक’ के रूप में जाना जाता है, क्योंकि वे काफी जल्दी और आसान से मिट्टी के अंदर और रेगिस्तानी रेत के अंदर जा सकते हैं। यह मात्र सैकंडो में खुद को रेत के अंदर छिपा सकते हैं।

ये जीव का आकार इतना छोटा है की आप आसानी से इसे अपने हाथ में समा सकते है। (Wikimedia Commons)

मनुष्य की तरह होते है सर्वाहारी

इनके गुलाबी रंग के ‘कवच’ खोल होते है उनमें ऐसी रक्त वाहिकाएं होती हैं, जो इसके शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए खाली या भर जाती हैं, जिससे इसका रंग गुलाबी रंग का दिखाई पड़ता है। पिंक फेयरी आर्मडिलो ज्यादातर चींटियों और अन्य कीड़ों को खाती है, जो एक संकटग्रस्त प्रजाति है। इसे इसके आवाज से नहीं हटाना चाहिए, क्योंकि यह पालतू जानवर के रूप में जीवित नहीं रह सकता है।हमारी ही तरह पिंक फेयरी आर्मडिलो भी सर्वाहरी होते हैं। इस जीव का साइंटिफिक नाम क्लैमीफोरस ट्रंकैटस होता है। यह जीव 5 से 10 साल तक जिंदा रह सकता है।

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