Prague Astronomical Clock : ये साधारण घड़ियों की तरह समय नहीं बताती है, बल्कि सूर्य और चंद्रमा की स्थिति बताती है। (Wikimedia Commons) 
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प्राग में मौजुद है 600 साल पुरानी घड़ी, जानिए इस घड़ी की हैरान कर देने वाली खूबियां

न्यूज़ग्राम डेस्क

Prague Astronomical Clock : बिना समय देखें आज के दौर में जीना असंभ सा लगता है इसी कारण लोग घड़ी पहन कर बाहर निकलते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी घड़ी के बारे में बताने वाले हैं, जो करीब 600 साल पुरानी है और इस घड़ी की सबसे अजीब बात यह है कि ये साधारण घड़ियों की तरह समय नहीं बताती है, बल्कि सूर्य और चंद्रमा की स्थिति बताती है। यह घड़ी चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में मौजूद है। इसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक यहां आते हैं। आज हम इसी अनोखी घड़ी के बारे में जाएंगे जैसे ये कब बनी थी और क्या-क्या इसकी खूबियां है।

प्राग एक बेहद खूबसूरत शहर भी है। इस शहर में कई ऐसी अजीबों गरीब चीजें और इमारतें मौजूद हैं, जो हमेशा आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इसे देखने के लिए यहां सैलानियों का भीड़ लगा रहता है। इस शहर के प्रमुख आकर्षणों में यह घड़ी भी शामिल है। दरहसल, यह एक एस्ट्रोनॉमिकल वॉच है, जो खगोलिय सूचनाएं देने के लिए बनाई गई थी। इसे प्राग ओर्लोज के नाम से भी जाना जाता है।

इस घड़ी के पास कैथोलिक संतों की मूर्तियां और 12 राशियों के चिन्ह लगे हुए हैं। (Wikimedia Commons)

ये घड़ी बताती है नक्षत्रों का स्थिति

ओल्ड टाउन स्क्वेयर के ओल्ड टाउन हाल पर लगी इस घड़ी को 1410 में लगाया गया था। इस घड़ी के पास कैथोलिक संतों की मूर्तियां और 12 राशियों के चिन्ह लगे हुए हैं। इसके अलावा यह घड़ी सूर्य-चंद्रमा की स्थिति, ग्रहों की स्थिति, अलग-अलग राशियों में नक्षत्रों का प्रवेश जैसी कई खगोलिय सूचनाएं प्रदान करती है। जब से इस घड़ी को लगाया गया है, तब से लेकर आजतक यह घड़ी चल ही रही है। बताया जाता है कि इसमें कुछ खराबियां भी हुई और उन्हें सुधारा भी गया लेकिन आज भी यह घड़ी अपना काम कर रही है।

मास्टर हैनस ने किया था इसका निर्माण

1410 में जब इस घड़ी को लगाया गया था, तब लोग इस घड़ी का इस्तेमाल सूर्यास्त, सूर्योदय की स्थिति पता करने और ईसाई धर्म के पवित्र दिनों के बारे में जानने के लिए करते थे। इस घड़ी से जुड़ी कई रोचक किस्से भी हैं। इन्हीं में एक किस्सा कुछ ऐसा है कि इस घड़ी का निर्माण मास्टर हैनस ने की थी, जो वहां के राजा के आदेश पर उन्होंने बनाया था। परंतु यह घड़ी इतनी शानदार थी कि अन्य जगहों से भी इस घड़ी के लिए ऑर्डर आने लगे थे। लेकिन वहां के राजा नहीं चाहते थे कि ऐसी घड़ी किसी और जगह पर भी हो। इसलिए उन्होंने इस घड़ी के निर्माता को अंधा कर दिया था। वहीं कुछ का कहना है कि घड़ी के निर्माता नहीं चाहते थे कि कोई इस घड़ी को चला सके। इसलिए उन्होंने खुदकुशी कर ली थी। लेकिन किसी और घड़ी साज ने बाद में इसकी मरम्मत की और इसे चलाया।

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