जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) के शोधकर्ताओं ने इन्फेक्शस और इनफ्लेमेट्री संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए जेनेटिकली इंजीनियर्ड स्टेम सेल (Genetically Engineered Stem cell) आधारित थेरेपी विकसित की है। जामिया के मल्टीडिसिप्लिनरी सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च एंड स्टडीज (एमसीएआरएस) के डॉ. तनवीर अहमद के नेतृत्व में अनुसंधान दल ने दिखाया है कि स्टेम सेल-आधारित उपचार कोविड जैसे संक्रामक रोगों के दौरान इनफ्लेमेट्री की स्थिति को कम कर सकते हैं। अध्ययन ने पहले सार्स कोविड और लंग्स सेल्स में इसके प्रोटीन के कारण सेलुलर क्षति को स्पष्ट किया है और फिर इंजीनियर्ड स्टेम सेल बनाने के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण तैयार किया है। मॉडल सेल्युलर सिस्टम में पेश किए जाने पर ये स्टेम सेल प्रो-इंफ्लेमेटरी माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए रिलीज को कम करके चिकित्सीय प्रभावकारिता प्रदर्शित करते हैं, जिसे चिकित्सकीय रूप से रोग का कारण दिखाया गया है। चिकित्सीय प्रभाव को स्वस्थ माइटोकॉन्ड्रिया के स्टेम सेल से संक्रमित लंग्स की कोशिकाओं में मेम्ब्रेन नैनोट्यूब के माध्यम से डायरेक्ट ट्रान्सफर और उनके कार्य को बहाल करके मेडीएटेड के रूप में दिखाया गया था। इन कोशिकाओं को इंटरसेलुलर माइटोकॉन्ड्रियल ट्रांसफर-असिस्टेड चिकित्सीय मेसेनकाइमल स्टेम सेल नाम दिया गया था।
अध्ययन के प्रथम लेखक, मोहम्मद इमाम फैजान ने कहा कि आईएमएटी-एमएससी ने प्रभावशाली चिकित्सीय प्रभावकारिता दिखाई है और वे जल्द ही संक्रामक और इफ्लेमेट्रीट संबंधी लंग्स के रोगों के प्रीक्लिनिकल मॉडल पर अपना अध्ययन करेंगे।
डॉ. तनवीर अहमद ने कहा कि यह पहली बार है कि क्लिनिकल और मोलेक्युलर स्तर पर यह प्रदर्शित किया गया है कि सेल माइटोकॉन्ड्रिया से भड़काऊ और एपोप्टोसिस-उत्प्रेरण एमटीडीएनए कैसे निकलता है। वैज्ञानिक मोलेक्युलर पैथवे की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं जो माइटोकॉन्ड्रिया मैट्रिक्स से एमटीडीएनए रिलीज की ओर जाता है, और यह ऐसा दिखाने वाला पहला अध्ययन है कि आंतरिक मेंब्रेन वेसिक्ल्स से माइटोकॉन्ड्रिया उनके डीएनए को पैकेज करते हैं और इसे ऑगेर्नेल से बाहर निकालते हैं जो अंतत बाह्य रूप से निकलता है।
(आईएएनएस/HS)