Agni 5 Missile:यह मिसाइल 5000 किमी की सीमा से परे लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखती है(Wikimedia Commons)
Agni 5 Missile:यह मिसाइल 5000 किमी की सीमा से परे लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखती है(Wikimedia Commons) 
विज्ञान

अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण हुआ सफल, एमआईआरवी तकनीक से लैस है ये मिसाइल

न्यूज़ग्राम डेस्क

Agni 5 Missile : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मिशन दिव्यास्त्र का ऐलान किया। यह एक स्वदेशी रूप से विकसित और अत्याधिक उन्नत हथियार प्रणाली है। पीएम मोदी ने बताया कि डीआरडीओ की बनाई गई यह स्वदेशी अग्नि-5 मिसाइल ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ अपनी पहली उड़ान भरी।

एमआईआरवी तकनीक सुनिश्चित करती है कि एक ही मिसाइल कई स्थानों पर हमले को अंजाम दे पाए। यह तकनीक वर्तमान में केवल कुछ ही देशों के पास है और इसके परीक्षण के साथ, अब भारत भी उन चुनिंदा देशों के श्रेणी में शामिल हो गया है यह मिसाइल न केवल परमाणु हमला करने में सक्षम है बल्कि परंपरागत विस्फोटकों भी लेकर जाने में भी सक्षम है।

क्या है खासियत

यह मिसाइल 5000 किमी की सीमा से परे लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखती है और भारत की आत्मरक्षा प्रणालियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस मिसाइल को दागने के बाद बिना इंटरसेप्टर मिसाइल के रोका नहीं जा सकता है। अग्नि मिसाइल प्रणाली प्रसिद्ध वैज्ञानिक और देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के दिमाग की उपज थी।अग्नि 5 मुख्य रूप से चीन के खिलाफ भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए किया गया है।

अग्नि मिसाइल प्रणाली प्रसिद्ध वैज्ञानिक और देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के दिमाग की उपज थी।(Wikimedia Commons)

भारत के पास सबसे लंबी दूरी की मिसाइल अग्नि 2 थी, जिसकी मारक क्षमता 3500 किमी थी। यदि इसे मध्य भारत से लॉन्च किया जाता तो यह सीमा चीन के सुदूर पूर्वी और उत्तरपूर्वी क्षेत्र में लक्ष्य तक पहुंचने के लिए पर्याप्त नहीं थी क्योंकि चीन के अधिकांश महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र उसके पूर्वी समुद्री तट पर स्थित हैं। लेकिन अब अग्नि 5 पूरा चीन को कब्जे में ले लेगी।

दुनियाभर से मिल रहीं है प्रतिक्रियाएं

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' द्वारा सभी को इस बात की जानकारी दी। भारत की इस कामयाबी पर दुनियाभर से कई प्रतिक्रिया आ रही हैं। अमेरिकी सांसद रिक मैक्कॉर्मिक ने भी भारत को इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि 'मुझे लगता है कि इससे भारत डिप्लोमेटिक और टैक्टिकल मामलों में एक बड़ा खिलाड़ी बनेगा।'

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