भारत के वैज्ञानिकों ने भारत को जो दिया वह हैरान करने वाला: ट्यूरिंग अवॉर्ड विजेता (IANS)

 

सिमंस इंस्टीट्यूट फॉर द थ्योरी ऑफ कंप्यूटिंग

विज्ञान

भारत के वैज्ञानिकों ने भारत को जो दिया वह हैरान करने वाला: ट्यूरिंग अवॉर्ड विजेता

इस कार्यक्रम में व्यापारिक नेताओं, युवा शोधकर्ताओं और छात्रों के साथ-साथ दुनिया भर के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों ने भाग लिया।

न्यूज़ग्राम डेस्क

उपट्यूरिंग अवॉर्ड विजेता (Turing Award Winner) और अमेरिका में सिमंस इंस्टीट्यूट फॉर द थ्योरी ऑफ कंप्यूटिंग (Simons Institute for the Theory of Computing) की निदेशक प्रोफेसर शफी गोल्डवेसर ने शनिवार को कहा कि भारत के वैज्ञानिकों ने दुनिया को जो कुछ दिया है, उससे वह हैरान हैं। गोल्डवेसर शनिवार को इंफोसिस साइंस फाउंडेशन (आईएसएफ) द्वारा आयोजित इंफोसिस पुरस्कार 2022 (Infosys Award 2022) पुरस्कार समारोह में बोल रही थी। उन्होंने कहा, मैं इंफोसिस साइंस फाउंडेशन को उन शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और मानवतावादियों, जो प्रगति के सच्चे नायक हैं, को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए सलाम करती हूं।

इंफोसिस साइंस फाउंडेशन के अध्यक्ष कृष गोपालकृष्णन ने विज्ञान और अनुसंधान में निवेश के महत्व पर जोर देते हुए कहा, इंफोसिस साइंस फाउंडेशन ने भारत और दुनिया के विकास के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान के महत्व को उजागर करने के लिए इंफोसिस पुरस्कार की स्थापना की है। इंफोसिस साइंस फाउंडेशन (आईएसएफ) ने शनिवार को इंफोसिस पुरस्कार 2022 के विजेताओं को शोध में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया।

छह श्रेणियों में इंफोसिस पुरस्कार 2022 के विजेता हैं - भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर (इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस) में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की प्रोफेसर सुमन चक्रवर्ती; सुधीर कृष्णस्वामी, नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु (मानविकी) के कुलपति; विद्या वैद्य, प्रोफेसर और चेयरपर्सन, जैविक विज्ञान विभाग, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई; महेश काकड़े, गणित के प्रोफेसर, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु; निसिम कानेकर, नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोनॉमी, पुणे में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर और रोहिणी पांडे, अर्थशास्त्र की प्रोफेसर और निदेशक, आर्थिक विकास केंद्र, येल विश्वविद्यालय।

विज्ञान में भारत का अतुलनीय योगदान 

गोल्डवेसर, मुख्य अतिथि द्वारा सभी श्रेणियों के विजेताओं को स्वर्ण पदक, प्रशस्ति पत्र और 100,000 डॉलर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में व्यापारिक नेताओं, युवा शोधकर्ताओं और छात्रों के साथ-साथ दुनिया भर के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों ने भाग लिया।

इंफोसिस साइंस फाउंडेशन के ट्रस्टी- कृष गोपालकृष्णन, नारायण मूर्ति, श्रीनाथ बटनी, ए.के. दिनेश, नंदन नीलेकणि, मोहनदास पई, सलिल पारेख और एस.डी. शिबूलाल - पुरस्कार समारोह में उपस्थित थे।

आईएएनएस/PT

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