मध्यप्रदेश में एक बेहद रहस्यमयी और सनसनीखेज मामला सामने आया है। इंदौर हाईकोर्ट की वकील (High Court lawyer) और सिविल जज की तैयारी कर रही 29 वर्षीय अर्चना तिवारी (Archana Tiwari) पिछले 14 दिनों से लापता हैं। उनकी गुमशुदगी (Missing case) ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। ट्रेन से घर लौटते वक्त अचानक उनका लापता हो जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। क्या यह हादसा है, साजिश है, या फिर किसी बड़े अपराध की ओर इशारा कर रहा है ?
5 अगस्त की सुबह अर्चना तिवारी (Archana Tiwari) ने अपने इंदौर स्थित गर्ल्स हॉस्टल से कटनी जाने के लिए नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ी थी। राखी का त्योहार था और उनका परिवार बेसब्री से उनके लौटने का इंतज़ार कर रहा था। अर्चना अपने साथ बैग लेकर निकलीं और रात 10 बजकर 16 मिनट पर उन्होंने अपनी चाची से फोन पर बात भी की। उस समय वो भोपाल के पास थीं और पूरी तरह सुरक्षित लग रही थीं। यह उनकी आखिरी बातचीत थी।
6 अगस्त की सुबह जब नर्मदा एक्सप्रेस कटनी साउथ स्टेशन पर पहुंची, तो परिवारजन प्लेटफॉर्म पर उनका इंतज़ार कर रहे थे। लेकिन अर्चना ट्रेन से बाहर नहीं निकलीं। हैरान कर देने वाली बात यह थी कि उनका बैग ट्रेन में मौजूद था, लेकिन अर्चना कहीं दिखाई नहीं दीं। इसी क्षण से इस गुमशुदगी का रहस्य और गहरा होता चला गया।
पुलिस ने मोबाइल लोकेशन ट्रेस की, तो अर्चना (Archana Tiwari) का आखिरी सिग्नल नर्मदापुरम जिले में नर्मदा नदी के ब्रिज के पास मिला। इसके बाद उनके फोन की लोकेशन बंद हो गई। जीआरपी और पुलिस टीमों ने इटारसी से लेकर कटनी तक पूरे ट्रैक पर तलाशी शुरू की। प्रत्यक्षदर्शियों ने इटारसी स्टेशन पर उन्हें ट्रेन में देखा था, लेकिन उसके बाद क्या हुआ, इसका कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस ने होमगार्ड और SDRF की टीमों को नर्मदा नदी में तलाशी के लिए उतारा, ताकि अगर अर्चना ने ट्रेन से छलांग लगाई हो या किसी हादसे का शिकार हुई हों तो सुराग मिल सके। इसके अलावा रानी कमलापति, इटारसी और कटनी स्टेशन समेत कई जगहों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। लेकिन अभी तक कोई ठोस सबूत हाथ नहीं आ पाया है।
अर्चना के भाई अभिषेक तिवारी ने मीडिया से कहा, "वह जज बनने के लिए कड़ी मेहनत कर रही थी। हम उसे रक्षाबंधन पर देखने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन अचानक वह गायब हो गई। अब हमें समझ नहीं आ रहा कि उसके साथ क्या हुआ होगा।" परिवार का कहना है कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। इसलिए वो अब CBI जांच की मांग कर रहे हैं। उन्हें शक है कि अर्चना के साथ कोई साजिश या बड़ा अपराध हुआ है।
पुलिस अधिकारियों ने यह संभावना खारिज की है कि किसी भीड़भाड़ वाली जगह से किसी ने उन्हें अगवा कर लिया होगा। जीआरपी अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने कहा कि इस मामले में कई एंगल पर काम हो रहा है, लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि यह हादसा है, आत्महत्या है, या फिर अपहरण है। अर्चना तिवारी का मामला जितना आगे बढ़ रहा है, उतने ही सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर उन्होंने खुद ट्रेन से छलांग लगाई, तो उनकी मौजूदगी का कोई सबूत क्यों नहीं मिला ? अगर यह अपहरण है, तो इतनी भीड़भाड़ में बिना किसी गवाह के कैसे संभव हुआ ? और अगर यह अपराध है, तो आखिर वजह क्या रही होगी ? इन सवालों का जवाब अभी तक किसी के पास नहीं है।
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अर्चना तिवारी इंदौर हाईकोर्ट की वकील (High Court lawyer) थीं और साथ ही सिविल जज की तैयारी कर रही थीं। एक उज्ज्वल करियर की दहलीज़ पर खड़ी यह युवती अचानक रहस्यमयी तरीके से लापता हो जाती है। इससे न केवल उनका परिवार टूट चुका है, बल्कि कानूनी बिरादरी और छात्र समुदाय भी सदमे में है। 14 दिन बीत चुके हैं और अब तक न अर्चना का कोई सुराग मिला है, और न ही उनकी गुमशुदगी (Missing case) की गुत्थी सुलझ पाई है। कटनी से लेकर भोपाल और इटारसी तक पुलिस लगातार खोजबीन कर रही है, लेकिन परिणाम कुछ नहीं मिला है अभी तक। यह मामला अब केवल एक परिवार की पीड़ा नहीं रहा, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय बन गया है। सबकी नज़रें इसी पर टिकी हैं कि आखिर अर्चना तिवारी (Archana Tiwari) कहां हैं और उनके साथ क्या हुआ है ?
यह रहस्यमयी गुमशुदगी (Missing case) एक बड़े सवाल की तरह खड़ी है। क्या हमारी ट्रेन यात्रा, जो आमतौर पर सुरक्षित मानी जाती है, वाकई इतनी सुरक्षित है ? और क्या कानून व्यवस्था इतनी सक्षम है कि वह एक वकील जैसी पढ़ी-लिखी युवती की भी सुरक्षा कर सके ? फिलहाल, पूरा प्रदेश अर्चना के मिलने की उम्मीद लगाए बैठा है। लेकिन जब तक यह रहस्य नहीं सुलझता, तब तक यह मामला MP की सबसे सनसनीखेज गुमशुदगी बनकर चर्चाओं में रहेगा। [Rh/PS]