Udaipur Tailor Murder: पुलिस का कहना, आरोपियों के तार जुड़े हैं ISIS से  IANS
उत्पीड़न/अपराध

Udaipur Tailor Murder: पुलिस का कहना, आरोपियों के तार जुड़े हैं ISIS से

मोहम्मद रियाज "अटारी" नामक आरोपी उदयपुर में अल-सूफा का मुखिया बताया जा रहा है, जो ISIS आतंकवादी मुजीब से भी जुड़ा था।

न्यूज़ग्राम डेस्क

उदयपुर कन्हैयालाल मर्डर केस में अब एक नया मोड़ गया है। पाकिस्तान से जुड़े तार की बात सामने आने के बाद भारत के गृह मंत्रालय ने सख्ती दिखाई है और मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उदयपुर में कन्हैया लाल नामक दर्जी का कथित तौर पर सिर काटने वाले जो दो लोग गिरफ्तार किए गए हैं उनका संबंध आतंकी संगठन ISIS से बताया जा रहा है।

कन्हैया लाल के हत्यारों में से एक ग़ौस मोहम्मद का संबंध 2013-2014 में कराची में डीईआई मुख्यालय में धार्मिक प्रशिक्षण से बताया जा रहा है। हालांकि अभी इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि उसे पाकिस्तान में हथियारों का भी प्रशिक्षण मिला था।

ईशनिंदा के कारण दर्जी कन्हैया लाल की नृशंस हत्या ने भारत का ध्यान पाकिस्तान स्थित दावत-ए-इस्लामी की गतिविधियों पर आकर्षित किया। और यह ध्यान तब पुख्ता हो गया जब एक हत्यारे ने यह स्वीकार किया कि वह धार्मिक प्रशिक्षण के लिए 2013-2014 में कराची गया था।

फिलहाल NIA द्वारा जांच चल रही है। इस बीच राजस्थान सरकार ने उन सभी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है जिन्होंने कन्हैयालाल के शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की।

आरोपियों से पूछताछ में यह बात स्पष्ट तौर पर सामने आई है कि वे आत्म-कट्टरपंथी थे और कराची स्थित दावत-ए-इस्लामी नेता इलियास के अनुयायी थे। यहाँ बात दें कि 4 जनवरी 2011 को, ईशनिंदा कानूनों के खिलाफ बोलने वाले, पाकिस्तान पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर का हत्यारा मलिक मुमताज कादरी उसी कराची बरेलवी संप्रदाय का था।

जांच में अब भी बहुत कुछ स्पष्ट होना बाकी है जिसके लिए अधिकारियों का कहना है कि वह तभी हो पाएगा जब आरोपियों के मोबाइल फोन के संपर्कों और व्हाट्सएप संदेशों का पूर्ण विश्लेषण किया जाएगा। जांच एजेंसियों को यह भी शक है कि ISIS के वीडियो से प्रेरणा लेकर इन दोनों आरोपियों ने हत्या को अंजाम दिया।

इस सबके बीच आतंकवाद निरोधी विशेषज्ञों ने दावा किया है कि ग़ौस मोहम्मद ने 2013 और 2019 में उमराह के लिए सऊदी अरब की यात्रा की थी। लेकिन उसके कराची में धार्मिक प्रशिक्षण के साथ-साथ हथियार प्रशिक्षण से संबंधित कोई पुख्ता सबूत उपलब्ध नहीं है। हालांकि गुजरात और हैदराबाद के वरिष्ठ मुस्लिम मौलवियों ने यह भी दावा किया है कि पाकिस्तान स्थित संप्रदाय अक्सर भारत से चंदा इकट्ठा करके फिर उसका इस्तेमाल पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों को भारत को निशाना बनाने के लिए करता है।

हत्यारों से की गई पूछताछ में यह सामने आया है कि उन्हें उस नृशंस अपराध पर कोई पछतावा नहीं था।

उन दो आरोपियों में से एक मोहम्मद रियाज "अटारी" नामक आरोपी उदयपुर में अल-सूफा का मुखिया बताया जा रहा है, जो आईएसआईएस आतंकवादी मुजीब से भी जुड़ा था। बात दें कि आतंकवादी मुजीब को पहले भी टोंक से गिरफ्तार किया गया था। रियाज शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं।

हालाँकि सामने यह बात भी कथित तौर पर आ रही है कि रियाज़ अटारी ने पूर्व में कोई पाकिस्तान यात्रा नहीं की है। पर यह बात स्पष्ट है कि यह वही व्यक्ति है जिसने दर्जी की कसाई की तरह हत्या करने के लिए चाकुओं को गढ़ा था।

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