शिक्षा

Ministry of Education का प्रौद्योगिकी आधारित पाठ्यक्रम पर जोर

NewsGram Desk

न्यूजग्राम हिन्दी: Ministry of Education उच्च गुणवत्ता वाले प्रौद्योगिकी आधारित पाठ्यक्रम को विकसित करने पर जोर दे रहा है। यह ऐसा पाठ्यक्रम होगा जिसे प्रौद्योगिकी के माध्यम से वितरित भी किया सकेगा। साथ ही यहां मूल्यांकन के लिए भी प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए सीबीएसई (CBSE), यूजीसी (UGC), एनसीईआरटी (NCERT) आदि को लेकर बनाया गया एक कार्यकारी समूह इसके रोडमैप पर काम करेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने इसके लिए राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच (NETF) और नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्किटेक्चर (NDEAR) के तहत हुई प्रगति की समीक्षा की है। एनईटीएफ, नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्किटेक्चर के लिए मार्गदर्शक निकाय बनने जा रहा है। यह संपूर्ण शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को सक्रिय और उत्प्रेरित करने के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय डिजिटल बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए खाका के रूप में कार्य करेगा।

वहीं एनडीईएआर एक 'ओपन डिजिटल इकोसिस्टम' दृष्टिकोण अपना रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) के मुताबिक यहां एनडीईएआर में सिद्धांतों, मानकों, विशिष्टताओं, बिल्डिंग ब्लॉक्स और दिशानिर्देशों का एक सेट विभिन्न संस्थाओं को डिजिटल शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में सक्षम बनाता है।

बैठक में शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सभी के लिए सुलभ, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने का आह्वान किया।

उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाले पाठ्यक्रम को विकसित करने पर जोर दिया, जिसे प्रौद्योगिकी के माध्यम से वितरित किया जा सकता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन के लिए प्रौद्योगिकी का भी प्रयोग किया जा सकता है। मंत्री ने कहा कि एनईटीएफ और एनडीईएआर आवश्यक संस्थागत शासन प्रदान करेंगे और सिस्टम में अधिक जवाबदेही लाएंगे। उन्होंने कहा कि सीबीएसई, एआईसीटीई, यूजीसी, एनसीटीई, एनसीईआरटी को शामिल करने वाला एक कार्यकारी समूह एनडीईएआर और एनईटीएफ के रोडमैप पर काम करेगा।

इससे पहले शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों के क्षमता निर्माण के लिए संस्थागत तंत्र से संबंधित रिपोर्ट की समीक्षा भी कर चुके हैं। केन्द्रीय मंत्री प्रधान ने शिक्षकों के शिक्षण के विकास के लिए देश भर में सक्षम इकोसिस्टम तैयार करने के उद्देश्य से एक 'मालवीय मिशन' का विचार प्रस्तुत किया। इस मिशन के जरिए उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को बेहतर ट्रेनिंग एवं प्रशिक्षण मुहैया कराया जा सकता है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री का कहना है कि 21वीं सदी के भारत की चुनौतियों के अनुरूप शिक्षकों के कौशल को उन्नत करने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) द्वारा शिक्षकों के शिक्षण पर ध्यान केन्द्रित किए जाने का उल्लेख करते हुए, उन्होंने भारतीय मूल्यों, भाषाओं, ज्ञान, लोकाचार और परंपराओं पर ध्यान देते हुए शिक्षकों के शिक्षण के प्रति एक बहु-विषयक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।

आईएएनएस (PS)

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